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श्रीसवाल जाति का इतिहास
यह पत्र उमरकोट की ओर के सब ब्रिटिश थानों के फौजी अफसरों के नाम लिखा गया था । इसका आशय यह है कि “हम यह प्रकट करते हैं कि “शाह उदयकरण" के सेनापतित्व में राईट ऑनरबल गवर्नर जनरल की अनुमति से जोधपुर राज्य की सेना उमरकोट के शहर और किले को छोड़कर सारे जिले पर फिर से अधिकार करने के लिये भेजी गई है, जिस पर कि ऊँची ब्रिटिश फौजों का ताबा है । यह जिला पहले जोधपुर महाराजा के पूर्वजों के अधिकार में था ।
मैंने सिंध के गवर्नर साहब को भी इस सम्बन्ध में लिखा है कि वे इस सम्बन्ध के हुक्म जारी करने की कृपा करें ।
इन्दोर
राजस्थान के राज्यों में ओसवाल वीरों तथा मुम्सुद्दियों ने जो महान् कार्य किये हैं, उनका उल्लेख हम गत पृष्ठों में कर चुके हैं। हम देखते हैं कि इन्दौर, काश्मीर प्रभृति कई दूरवर्ती रियासतों में भी भोसवाल मुत्सुद्दियों ने कई ऐसे मार्के के काम किये हैं जिनका उल्लेख उन रियासतों के पुराने कागज पत्रों तथा इतिहास में बड़े गौरव के साथ किया गया है। यहाँ हम इन्दौर राज्य के कुछ इतिहास प्रसिद्ध ओसवाल मुत्सुद्दियों का परिचय अपने पाठकों को देना चाहते हैं ।
गंगारामजी कोठारी
इतिहास के पाठक जानते हैं कि इन्दौर के भूतपूर्व नरेश तुकोजीराव ( प्रथम ) के समय में इन्दौर के होलकर वंश का प्रभाव सारे भारतवर्ष में फैला हुआ था। ये तुकोजीराव बड़े सफल सेनानायक, महान् राजनीतिज्ञ और महत्वाकाँक्षी नरेश थे। इन्होंने चारों तरफ अपनी तलवार के जौहर दिखलाये थे । इन्हीं महाप्रतापी तुकोजीराव के समय में गंगारामजी कोठारी नामक एक बहादुर और दिलेर ओसवाल नवयुवक इन्दौर में पहुँचे । ये गंगारामजी नागौर के निवासी थे और बाल्यावस्था से ही सैनिक विद्या की और इनकी विशेष रुचि थी। धीरे २ ये इन्दौर की फौज में दाखिल हो गये और करतबगारी से सेना - नायक के पद पर पहुँचे । महाराजा होलकर की ओर से इन्होंने कई लड़ाइयों में बहुत बड़ी वीरता का प्रदर्शन किया। इनकी वीरता और कारगुजारियों का वर्णन इन्दौर राज्य के हुजूर फड़नीसी के रिकार्डों में, सरजॉन मालकम साहब के मध्य हिन्दुस्तान के इतिहास में, टॉड साहब के राजस्थान के इतिहास में, तथा अन्य कई अंग्रेजी एवं मराठी के ग्रन्थों में मिलता है । तत्कालीन पार्लियामेन्टरी पेपर्स में भी आपके सैनिक कायों का उल्लेख किया गया है।
श्रीमान् महाराजा तुकोजीराव (तृतीय) ने मिस्टर बाउल्जर ( Boulger ) नामक एक अंग्रेज की अधीनता में कुछ लोगों को विलायत से इण्डिया ऑफिस ( India office ) में रक्खे हुए होलकर राज्य सम्बन्धी कागज पत्रों की व्यवस्थित रूप से नकल करने के लिये नियुक्त किया था । उन लोगों ने कोई तीन बरस काम कर होलकर राज्य सम्बन्धी लेखों तथा कागज पत्रों की नकलें की। ये कोई तीस या पैंतीस जिल्दों में पूरी हुई हैं। ये सब जिल्दें टाइप की हुई हैं और इन्दौर के फॉरेन आफ़िस में सुरक्षित हैं। इनमें तत्कालीन
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