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मुहणोत, छाजेड़, गोलेछा, बोराड़िया ।
सेठ थानमलजी मुहणोत, बीदासर (बीकानेर स्टेट )
इस परिवार का मूल निवास तोसीणा (जोधपुर) है। यहाँ से मुहणोत मंगलचंदजी लगभग सं० १८९० में बीदासर आये। यहाँ से लगभग सं० १९१० में आपके पुत्र कुन्दनमलजी व्यापार के लिये कलकत्ता गये। सं० १९५७ में आप स्वर्गवासी हुए। आपके पुत्र मुहणोत थानमलजी का जन्म सं० १९३५ में हुआ। आप भी सं० १९४६ में कलकत्ता गये, तथा सेठ थानसिंह करमचन्द दूगड़ की भागीदारी में कारबार करते रहे। सं.१९७२ में आपने तथा बीदासर निवासी सेठ दुलीचन्दजी सेठिया और सुजानगढ़ के सेठ नेमीचन्दजी डागा ने मिल कर भागीदारी में कलकत्ते में जूट बेलर का व्यापार आरंभ किया, तथा इस व्यापार में आप सजनों ने अपनी होशियारी, चतुराई और बुद्धिमानी से अच्छी सम्पत्ति एवं सम्मान उपार्जित किया। एवं अपनी फर्म की शाखाएं रंगपुर, भाँगड़िया, नागा आदि जगहों पर खोली। इस समय आप तीनों सज्जनों का व्यापार "दुलीचन्द थानमल" के नाम से १०५ पुराना चीना बाजार में होता है। सेठ थानमलजी बिदासर के प्रतिष्ठित सज्जन हैं। आपको सन् १९३२ में बीकानेर दरबार ने पैरों में सोना पहिनने का अधिकार बख्शा है। आपके पुत्र कानमलजी एवं मांगीलालजी हैं।
श्री सेठ कस्तूरचन्द उत्तमचन्द छाजेड़, मद्रास इस फर्म के वर्तमान मालिक सेठ उत्तमचन्दजी छाजेड़ हैं। आप सरल प्रकृति के सजन हैं। आप सेठ कस्तूरचन्दजी छाजेड़ के पुत्र हैं। आपका मूल निवास बीकानेर है। आप मद्रास के चांदी सोने के अच्छे व्यवसायी हैं। एवं मन्दिर मार्गीय आम्नाय के मानने वाले सजन हैं। खेद है कि आपका परिचय खोजाने से विस्तृत नहीं छापा जा सका। आपके फोटो "छाजेड़" गौत्र में छापे गये हैं।
श्री सुगनचन्दजी गोलेछा, अमरावती आप शिक्षित सज्जन हैं। एवं इस समय अमरावती (बरार) में इनकम टेक्स आफीसर के पद पर कार्य करते हैं। वहाँ के सरकारी आफीसरों में एवं जनता में सम्माननीय व्यक्ति हैं। खेद है कि आपका परिचय प्राप्त न होने से जितनी हमारी जानकारी थी. उतना ही लिखा जा रहा है।
श्रीयुत लक्ष्मीलालजी बोरडिया, इन्दौर आपका मूल निवासस्थान उदयपुर है। आपने आरम्भ में बांसवाड़ा राज्य में सर्विस की। इसके बाद आपने इन्दौर में असिस्टेंट गेजेटियर आफिसर, असिस्टेंट प्रेस सुपरिन्टेन्डेन्ट आदि अनेक पदों पर कार्य किया। इस समय आप कॉटन ऑफिस में ऑफिस सुपरिन्टेन्डेन्ट के पद पर अधिष्ठित हैं। आप समाज सुधारक तथा उन्नत विचारों के सज्जन हैं । आपके ५ पुत्र हैं। सबसे बड़े पुत्र केसरीमलजी इन्दौर होलकर कॉलेज में प्रोफेसर हैं। और दूस परे पुत्र नंदलालजी बोरडिया इन्दौर के महाराजा तुकोजीराव अस्पताल में डाक्टर हैं। तीसरे पुत्र नोरतनमलजी इलाहाबाद में बी० ए० में पढ़ते हैं। तथा चौथे पुत्र चन्द्रसिंहजी विद्याभवन उदयपुर में शिक्षा पा रहे हैं। आप सभी सजन बड़े उन्नत तथा समाज सुधारक विचारों के हैं। यह कुटुम्ब अच्छे संस्कारों वाला है और इन्दौर में इस परिवार ने परदा प्रथा को तिलांजलि देकर समाज के सम्मुख अनुकरणीय भादर्श रक्खा है। आपके प्रथम तीनों पुत्र देशभक्त भी हैं।
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