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सियाल, रायसोनी और कातरेला
सायाल
सेठ फतेमलजी सीयाल, ऊटकमंड यह परिवार पाली निवासी मन्दिर आनाव का मानने वाला है। पाली से सेठ फतेमलजी सीयाल ने सम्वत् १९६० में आकर नीलगिरी के वेलिंगटन नामक स्थान में ब्याज का धंधा शुरू किया। आप सजन व्यक्ति हैं तथा विद्यमान हैं। आपने तथा पुखराजजी ने इस दुकान के कारवार को ज्यादा बढ़ाया। आपका परिवार पाली तथा नीलगिरी के भोसवाल समाज में प्रतिष्ठित माना जाता है। आपके यहाँ गोरीलाल फतेमक के नाम से वेलिंगटन में तथा रिखबदास फतेमल के नाम से ऊटकमंड में भागीदारी में ब्याज का व्यापार होता है। आपके नाम पर धरमचन्दजी सीयाल दत्तक आये हैं। भाप १२ साल के हैं।
राय सोनी सेठ सिरेमल पूनमचन्द मूथा (राय सोनी) बेलगांव यह परिवार भाँवरी (पाली) का निवासी है। वहाँ मूथा दायाजी रहते थे । इनके माणकचन्दजी तथा इंदाजी नामक २ पुत्र हुए। इनमें माणिकचन्दजी, भाँवरी ठिकाने के कामदार थे। इनके पुत्र पूनमचन्दजी तथा जसराजजी हुए । मूथा पूनमचन्दजी के पुत्र सिरेमलजी २२ साल की आयु में सम्वत् १९९५ में बेलगाँव आये । तथा “दानाजी उमाजी" की भागीदारी में कपड़े का व्यापार शुरू किया। इसके बाद आप हलियाल (कारवार डिस्ट्रिक्ट) में लकड़ी का कंट्राक्टिग विजिनेस करते रहे। इसमें सफलता प्राप्त कर सम्बत् १९७३ में आपने कपड़े का व्यापार शुरू किया। तथा व्यापार में उन्नति प्राप्त कर सम्मान को बढ़ाया। सम्वत् १९८० में आप स्वर्गवासी हुए । आपके नाम पर आपके चाचा मूथा जसराजजी के पौत्र जीवराजजी दत्तक आये। इनका भी १० साल की वय में सम्वत् १९८४ में शरीरान्त हो गया। अतः इनके नाम पर सेठ इंदाजी के प्रपौत्र भीकमचन्दजी दत्तक लिये गये । इनका जन्म सम्बत् १९७२ में हुआ। इस दुकान पर सोजत निवासी भंडारी माणिकराजजी १५ सालों से मुनीम हैं। आप समझदार व्यक्ति हैं। यह दुकान बेलगाँव के व्यापारिक समाज में अच्छी प्रतिष्ठित मानी जाती हैं। यहाँ कपड़े का थोक व्यापार होता है।
- कातरेला सेठ धौंकलचन्द चुन्नीलाल कातरेला, बंगलोर इस खानदान के मूल पुरुषों का खास निवास स्थान बगड़ी (मारवाद) है। आप श्वेताम्बर में जैन स्थानक वासी सम्प्रदाय को माननेवाले हैं। इस खानदान में सेठ मनरूपचन्दजी अपने जीवन भर बाड़ी में ही रहे । आपके पुत्र धोकलचन्दजी का जन्म संवत् १९०१ में हुआ। आप भी बगड़ी में ही रहे। आप बड़े धार्मिक और सज्जन पुरुष थे । आपका स्वर्गवास संवत् १९४८ में हुभा । आपके पुत्र धनराजजी
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