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________________ श्रीसबाब आति का इतिहास इस परिवार में सेठ माणकचन्दजी के छोटे भ्राता जसरूपजी के पुत्र हरखचन्दजी नामांकित व्यक्ति हुए, तथा इस समय उनके पुत्र सेठ अगरचन्दनी विद्यमान हैं। आप भी किशनगढ़ के ओसवाल समाज में वजनदार व्यक्ति हैं । सेठ जेठमल रतनचन्द पारख, रायपुर इस परिवार के पूर्वज सेठ रावतमलजी पारख एक शताब्दि पूर्व अपने मूल निवासस्थान बीकानेर से रायपुर आये । यह परिवार मन्दिर मार्गीय आम्नाय का माननेवाला है। सेठ रावतमलजी के बड़े पुत्र आसकरणजी निसंतान स्वर्गवासी हुए, तथा छोटे भ्राता जेठमलजी ने अपने परिवार की जमीदारी तथा कृषि के काम को विशेष बढ़ाया, और समाज में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की। संवत् १९३९ में आपका स्वर्गवास हुआ। आपके पुत्र रतनचन्दजी हुए । सेठ रतनचन्दजी पारख - आपका जन्म सम्वत् १९३६ में हुआ । धार्मिक कामों की ओर आपकी अच्छी रुचि है । अपने पिताजी के बाद आपने जमीदारी तथा कृषि के कार्य को बढ़ाया है। रायपुर के ओसवाल समाज के आप प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। आपके धर्मचन्दजी, कर्मचन्दजी, कस्तूरचन्दजी और प्रेमचन्दजी नामक ४ पुत्र हुए। धर्मचन्दजी का जन्म संवत् १९६४ में हुआ । इन भाइयों में कर्मचंदजी का संवत् १९८७ में १९ साल की वय में स्वर्गवास हो गया। आप बड़े होनहार थे। आप एफ० ए० सेकंड ईयर में पढ़ते थे। छात्रों को मदद देने की ओर आपकी विशेष रुचि थी । आपने अपनी प्राइवेट लायब्रेरी में डेढ़ हजार ग्रंथों का संग्रह किया था । आपके स्मारक में आपके पिताजी भी छात्रों को सहायता देते रहते हैं । सेठ रतनचन्दजी के शेष पुत्र धर्मचन्दजी, कस्तूरचंदजी तथा प्रेमचंदजी पढ़ते हैं । सेठ भीकमचन्द रामचन्द पारख, नाशिक इस परिवार का मूल निवास तींवरी (जोधपुर स्टेट) है। इस परिवार के पूर्वज सेठ मोतीरामजी पारख लगभग १५० साल पहिले देश से नाशिक के समीप मखमलाबाद नामक स्थान पर आये । आपके पुत्र पारख किशनीरामजी और पौत्र पारख रामचन्द्रजी हुए। आप लोग मखमलाबाद में ही व्यापार करते रहे । सेठ रामचन्द्रजी पारख का स्वर्गवास संवत् १९५१ में हुआ। आपके पुत्र सेठ भीकमकंदजी तथा छगनमलजी पारख हुए । सेठ मीकमचन्दजी पारख - आपका जन्म संवत् १९४३ में हुआ । आपने नाशिक में कपड़े का व्यापार चालू किया । जातीय सुधार तथा धर्मं ध्यान के कार्यों की ओर आपका अच्छा लक्ष्य है । आप नाशिक जिला ओसवाल परिषद् के सेक्रेटरी थे तथा उसके स्थाई सेक्रेटरी भी आप हैं। नाशिक के भोसवाल समाज में आप प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। आपके पुत्र लक्खीचन्दजी अपनी "पारख ब्रदर्स” नामक कपड़े की दुकान का संचालन करते हैं तथा दूसरे पढ़ते हैं। यह परिवार स्थानकवासी आम्नाय का मानने वाला है । पारख छगनमलजी का जन्म १९४८ में हुआ। आप नंदलाल भण्डारी मिल क्लाथशॉप कानपुर पर कार्य करते हैं । आपके पुत्र देवीचन्दजी व्यवसाय करते हैं तथा हस्तोमलजी छोटे हैं । ५५२
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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