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श्रीसवाल जाति का इतिहास
आप दोनों भाई बड़े बुद्धिमान और सज्जन हैं । लाला नानकचन्दजी के एक पुत्र है जिसका नाम जयचन्दजी है ।
इस खानदान का पुश्तैनी व्यवसाय जवाहरात का है। तब से अभी तक जवाहरात का काम बराबर चला आ रहा है। इसके सिवाय लाला मानिकचन्दजी ने यहां पर केमिस्ट और ड्रागिस्ट का व्यापार शुरू किया जो बहुत सफलता से चल रहा है। जिसकी दो ब्रांचे लखनऊ में और एक बाराबंकी में है। लखनऊ के भोसवाल समाज में वह खानदान बहुत अग्रसर तथा प्रतिष्ठित है ।
सेठ मांगीलाल धनरूपमल चोरड़िया, निलीकुपम् (मद्रास)
इस परिवार के पूर्वज चोरड़िया चतुर्भुजजी के पुत्र रिखबदासजी मारवाड़ के चाड़वास (डीडवाणा के पास ) नामक स्थान में रहते थे। वहाँ से आप टोंक होते हुए संवत् १९०० में नीमच ( मालवा ) भाये । तथा यहाँ लेनदेन का व्यापार आरम्भ किया। आपके चाँदमलजी, मानमलजी, हेमराजजी तथा खेमराजजी नामक ४ पुत्र हुए। इनमें सेठ चांदमलजी के पुत्र सुगनचन्दजी तथा श्यामलालजी हुए । सुगनचंदजी का स्वर्गवास संवत् १९५२ में ५१ वर्ष की उम्र में हुआ । बिहारीलालजी तथा श्यामलालजी के पुत्र लूणकरणजी हुए ।
सेठ सुगनचंदजी के पुत्र मांगीलालजी और
सेठ मांगीलालजी का जन्म संवत् १९२९ में हुआ । आप संवत् १९५९ में नीमच से नागौर आये तथा वहाँ अपना निवास स्थान बनाया । वहाँ से एक साल बाद रवाना होकर आप हैदराबाद आये तथा सेठ खुशालचन्दजी गोलेछा की फर्म पर २० सालों तक मुनीम रहे, तथा फिर भागीदारी में निलीकुपम् में दुकान की । इधर सन् १९२७ से आप अपना स्वतन्त्र व्यापार करते हैं । आप समझदार तथा होशियार सज्जन हैं । धन्धे को आपही ने जमाया है। आपके छोटे भाई बिहारीलालजी लवकर वालों की ओर से शिवपुरी तथा भांडेर खजानों में सुनीम हैं। सेठ मांगीलालजी के पुत्र सुपारसमलजी का जन्म १९५८ में हुआ । इनसे छोटे सजनमलजी हैं। सुपारसमलजी तमाम काम बडी उत्तमता से सम्हालते हैं । आपके पुत्र धनरूपमलजी हैं। इस दुकान की एक शाखा कलपुरची (मद्रास) में एम० सजनलाल चोरड़िया के नाम से हैं। इन दोनों दुकानों पर ब्याज का काम होता है ।
चोरड़िया एकामलालजी के पुत्र लूणकरणजी तथा केसरीमलजी हुए। ये बन्धु नीमच में रहते हैं। केशरीचन्दजी, मानमलजी के पुत्र नंदलालजी के नाम पर दत्तक गये हैं। इसी तरह इस परिवार में सेठ चाँदमलजी के तीसरे भ्राता हेमराजजी के पुत्र नथमलजी चोरदिया है। आपका विस्तृत परिचय अन्यत्र दिया गया है।
श्री नथमलजी चोरड़िया, नीमच
आपके परिवार का विस्तृत परिचय से माँगीलाल धनरूपमल नामक फर्म के परिचय में दे चुके हैं। सेठ रिखबदासजी चोरड़िया के तीसरे पुत्र सेठ हेमराजजी थे । आपके पुत्र मथमलजी हुए। श्री नथHeat स्थानकवासी समाज के गण्यमान्य सज्जन हैं। आपने अपने व्यापार कौशक तथा कार्य कुशलता से
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