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ओसवाल जाति का इतिहास
के कचराणी गोछा गौत्रीय मंदिर-मार्गीय अम्नाय के माननेवाले सज्जन हैं। सेठ गिरधरजी के पश्चात् क्रमशः अरजुनजी, मौजीरामजी तथा गोकुलजी हुए। गोलेछा गोकुलजी के बरदीचन्दजी तथा लखमीचन्दजी नामक हो पुत्र हुए, सेठ बरदीचन्दजी गोलेछा बीकानेर में निवास करते थे, तथा उस समय वहाँ आपका परिवार बहुत समृद्धिपूर्ण अवस्था में था, सेठ बरदीचन्दजी के बींजराजजी तथा मुनीलालजी नामक दो पुत्र हुए, इनमें बीजराजजी सेठ लखमीचन्दजी गोलेछा के नाम पर दत्तक गये ।
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सेठ बरदीचन्दजी गोलेच्छा का परिवार
सेठ मुनीलालजी गोळेछा के कुशलचन्दजी, फतेचन्दजी तथा पन्नालालजी नामक ३ पुत्र हुए, आपके पुत्र सेठ खुशालचन्दजी अपने बाबा सेठ बींजराजी गोलेछा के पास बेंगलोर आये, तथा उन्हीं के पास कारोबार सीख कर होशियार हुए।
सेठ खुशालचन्दजी गोलेच्छा - आप बड़े कार्य चतुर तथा होशियार पुरुष थे। आपका जन्म संवत् १९१७ की काती सुदी १४ को बीकानेर में हुआ था। आपने बंगलोर में मुनीलाल खुशालचन्द के नाम से दुकान स्थापित की । धीरे २ इस फर्म की शाखाएँ तिरमिलगिरि, फरमकुंडा (सेंटथामस माउंट - मद्रास) आदि स्थानों पर जहाँ २ मिलिटरी केम्प रहे वहाँ वहाँ खोली गईं । आपकी योग्यता तथा होशियारी से प्रसन्न होकर कई अंग्रेज आफीसरों ने आपको उत्तम प्रमाण पत्र दिए। आपके छोटे भ्राता फतेचन्दजी, सेठ बींजराजजी के नाम पर दत्तक गये । तथा सबसे छोटे भ्राता सेठ पन्नालालजी बहुत समय आपके साथ व्यवसाय में सम्मि लित रहे तथा बाद सन् १९०९ में आप अलग हो गये तथा बंगलोर और तिरमिलगिरी में आपने अपनी स्वतन्त्र दुकान खोली । इस प्रकार प्रतिष्ठा पूर्वक जीवन बिताते हुए सेठ खुशालचंदजी गोलेछा का संवत् १९७७ में स्वर्गवास हुआ । आपके स्मरणार्थं आपके पुत्रों ने २० हजार रुपयों की रकम धर्मार्थ निकाली। इस रकम से टिण्डिवरम् में दी खुशालचन्द हॉयर एलिमेन्टरी इण्डिस्ट्रियल स्कूल नामक संस्था चल रही है। सेठ खुशालचन्दजी गोलेछा के ५ पुत्र हुए इनमें आगनमलजी, अमोलकचन्दजी तथा धर्मचन्दजी विद्यमान हैं । तथा मगनमलजी और मूलचंदजी का स्वर्गवास हो गया है। आप तीनों भ्राताओं की अलग १ स्वतन्त्र दुकानें हैं ।
सेठ छगनलालजी गोलेच्छा - अपका जन्म संवत् १९५० में हुआ । आपकी दुकानें सेंटथामस माउंट (मद्रास) तथा टिंडिवरम् में " खुशालचंद खानमल" के नाम से हैं। आपके पुत्र भँवरलालजी तथा उत्तमदी हैं।
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