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श्री जैन इतिहास ज्ञानभानू किरण नं०५
(
* श्री रत्न प्रभ सूरीश्वरपाद कमलेभ्यो नमः *
प्राचीन जैन इतिहास संग्रह
(पञ्चम भाग)
[सम्राट् सम्प्रति के शिलालेख ]
गुजराती लेख के मूल लेखकडा. त्रिभुवनदास लेहरचन्द, बड़ौदा
__हिन्दी अनुवादकमुनि श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज
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. प्रकाशक-- श्री रत्न प्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला
मु० फलोदी, ( मारवाड़)
८ वीर सं० २४६२ । श्रोसवाल सं० २३६२ । वि० सं० १९६२
प्रथमावृत्ति १००० ( मूल्य ई. सन् १९३६
मुद्रक-सत्यव्रत शर्मा, शान्ति प्रेस, आगरा ।