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________________ * एक निवेदन* भोपावर टीर्थ स्थल न केवल इस मालवांचल का अपितु इस भारत वर्ष का एक अद्वितीय तीर्थ स्थल है, जहाँ पर भगवान शान्तिनाथजी की 12 फीट उँची काउसमाधारी विशाल एवं भव्य प्रतिमा है। इस तीर्थ स्थल पर विकास की धारा अविरल रूप से बह रही है। तीर्थ अत्यन्त प्राचीन होने के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुँच चुका था। अतः इसका जीर्णोद्धार अति आवश्यक था । इस - तीर्थ के विकास के लिए आपका आर्थिक सहयोग अपेक्षित है। सभी सधर्मी बंधुओं से निवेदन है कि इस तीर्थ पर पथारकर अपना जीवन सफल बनाएँ तथा मुक्त हस्त से दान देकर अपने धन का सदुपयोग करें। अनेक भाग्यशाली वान दाताओं ने इस तीर्थ के विकास के लिए अपना तन-मन-धन अर्पित किया है। - आज भोपावर की गणना भारतवर्ष के बड़े तीर्थ स्थलों में की जाती है। किन्तु हमारा उत्तरदायित्व यहीं पूरा नहीं हो जाता है। इस तीर्थ के विकास के लिए भविष्य में अनेक योजनाएँ हैं, आपके सहयोग के बिना इन योजनाओं को मूर्त रूप देना संभव नहीं है। अतः यथा शक्ति अपने धन का सदुपयोग करके तीर्थ के विकास में भागीदार बनें। यह तीर्थ यामीण अंचल में स्थित है अतः इस क्षेत्र में संसाधनो का अभाव होना स्वाभाविक है; इसके बावजूद इस मन्दिर के ट्रस्ट मण्डल ने तीर्थ की व्यवस्था पूर्णरुपेण समर्पित होकर संभाली. हैं किन्तु फिर भी कुछ त्रुटि रह जाना स्वाभाविक है। यदि आपको कहीं कोई त्रुटि या अव्यस्था लगे तो आप उदारता पूर्वक हमें क्षमा करें। यह तीर्थ सभी जैन भाईयों का है व्यवस्थापक या ट्रस्टीगण तो संघ एवं तीर्थ के सेवक मात्र हैं। मुनिराज भगवंतो से भी इस तीर्थ पर पधारने के लिए आत्मीय निवेदन है क्योंकि उनकी वाणी में वह आलौकीक एवं दिव्य शक्ति है जिससे तीर्थका यशोगान सम्पूर्ण विश्व में हो सकता है। यह तीर्थ और अधिक समृद्ध हो एवं यहाँ उत्तरोतर विकास हो, इस हेतु आपके सुझाव सादर आमंत्रित है। - 40 -
SR No.032639
Book TitleBhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashwant Chauhan
PublisherShantinath Jain Shwetambar Mandir Trust
Publication Year
Total Pages58
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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