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________________ * भोपावर की भौगोलिक स्थिति मध्यप्रदेश के मानचित्र में भोपावर तीर्थ स्थल एक दैदिप्यमान नक्षत्र की भाँति है । सम्पूर्ण भारत वर्ष में प्रसिद्ध इस जैन तीर्थ स्थल का सम्मोहन ऐसा है कि जो भी व्यक्ति एक बार इस तीर्थ स्थल के दर्शन करता है, वह सदैव इसे तीर्थ के प्रति आर्कषण का अनुभव करता है। भोपावर तीर्थ स्थल इन्दौरअहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सरदारपुर तहसील मुख्याल से मात्र 6 कि.मी. दूर है। राजगढ़ नगर से इस तीर्थ की दूरी सरदारपुर होकर लगभग 12 कि.मी. है। वर्तमान में राजगढ़ नगर से भोपावर के लिए सीधे सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है। जिससे भोपावर तीर्थ स्थल की दूरी लगभग 9 कि.मी. रह जायेगी । भोपावर तीर्थ इन्दौर से लगभग 107 कि.मी. व धार से लगभग 47 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। हाल ही में सरदारपुर से भोपावर तक नवीन सड़क का निर्माण किया गया जिससे इस तीर्थ के लिए आवागमन अत्यंत सुगम एवं सुविधाजनक हो गया है। धार एवं इन्दौर से आने वाले यात्रियों के लिए फुलगाँवड़ी से भोपावर तक नवीन पक्की सड़क जो 5 कि.मी. है, का निर्माण किया गया हैं जिससे धार से भोपावर की दूरी मात्र 40 कि.मी. व इन्दौर से 100 कि.मी. हो जायेगी । यह अत्यंत आश्चर्य का विषय है कि इस प्राचीन एवं ऐतिहासिक जैन तीर्थ स्थल वाले ग्राम मे जैन समाज का एक भी घर नहीं है । मूलत: यह वनवासी क्षेत्र है । आसपास के गांवो में यहां भील - भिलालों की बस्ती है । गाँव के लोग सह्रदय एवं भोलेभाले हैं। भोपावर प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है । यह नगर एवं तीर्थ पुण्य सलिला माही के तट पर यह बसा हुआ है । भोपावर के अत्यंत समीप ही मिण्डा गांव है, जो माही का उद्गम स्थल है। भोपावर की जलवायु समशितोष्ण एवं स्वास्थ्यप्रद है । तीर्थ के चारों ओर हरियाली छाई हुई है। ग्रीष्म ऋतु में भी यह स्थान अत्यंत शीतल 30
SR No.032639
Book TitleBhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashwant Chauhan
PublisherShantinath Jain Shwetambar Mandir Trust
Publication Year
Total Pages58
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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