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अकेला नहीं, हमें सब मिलकर साथ-साथ स्वाध्याय करना है ।
जिन भगवान के लिए हम नित्य सात बार चैत्यवन्दन करते हैं, उन भगवान को यदि अच्छी तरह समझना हो तो 'ललित विस्तरा' ग्रन्थ पढ़ना ही होगा ।
भगवान को जानो, सब जान जाओगे । भगवान को हृदय में लायें, सभी मंगल आ जायेंगे । भगवान सब से ऊंचा मंगल है ।
वाक्यों में तारतम्य 'दो' जघन्य वाक्य । 'नहीं है' उससे भी अधम वाक्य । 'लो' वाक्यों का राजा । 'नहीं ही चाहिये' वाक्यों में चक्रवर्ती ।
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