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________________ शब्द निगम निगिज्झिय निरुक्त निर्घण्ट परिक्क पठक पडिमिय पणव पणीयभूमी पत्तड पारए पाराभोग पारियानिक पिरिपिरिया पिंडवाय पीठमर्द पीणणिज पुच्छिय पुरुषादानीय पत्तन पत्तिय १८- २३९ परमसौमन सिता २-६, ६-५२ पवा ११-८४ पाणिपडिग्गाहिय १९-२५३ पायच्छित्त १०-६६ २-९ पूजित पूरिम पूसमाण पत्र - सूत्रांक ९-६२ १९-२५७ पोया २-९ २- ९ १२-९२ १३-९७ ७-५६ ४-१४ १६- १२२ ८- ६१ ११-८४ १७-१२७ १५-१११ ३-१४ १९-२५४ शब्द पोरेवच पत्र - सूत्रांक शब्द ३-१४ प्रमाण ७-५३ प्रलम्ब ९-६२ प्रवाल ११-८६, १५-१११ प्रशान्त १५-११६ प्रिय बिन्बोयण बुद्धि २६ १४- ११० ६-३३ २-७, ६-५२ भत्तपडियाइक्विय १८ - २५० संभा भाण्ड भोग भोगभोग भाण्डपटह भारुण्डपक्षिन् भिलंगसूव भिसंत भिंगु मन्त्रिन् मलय मट्ठ मघ ९-६२ मघवं ८-६१ मज्ञ १०-७० मङ्गल्य १७- १४८ १५-११३ मञ्जु मञ्जुणा मडम्ब १०-६६ ११-८४ ९-६२ . मणि ११-८६, १५-१११ १५-१११ मनोज्ञ १४- ११० १४-११० ३-१४ मनोऽम मल्ल मल्लकिन् मशकगृह महाढक्का महापथ महामन्त्रिन् ४-१४ ४-१४ ४-१४ मान १६-११७ माल्य १९-२५७ मुकुट ९-६२ २०-२७२ ४-१४ ४-१७ ४-१४ ५-३३, १७-२२५ ३-१३ ३-१३ १३-९७ १४- ११० महि माsम्बिक ९-६२ माण्डविक ४ - १७, ९-६२ ७-५३, १३-९७ १२-९५ मुक्तावली मुखमङ्गलिक मुरवीं यान युग्य योग्या पत्र - सूत्रांक ९-६२ १३-९७ १३-९७ ४-१७ ६-३३ ४-१४ ११-८४ ९-६२ १३-९७ रत्नावली राउलियक १४- १११ ८-६१ रज्जुक १६-१२२ रत्न ११-८६, १५-१११ ४-१५, ९-६२ ९-६२ १५-१११ ९-६२ १४-१११ ९-६२ १५-१११ राजन्य ४-१७ राजन् ९-६२ राज्य ११-८६, १४- १११ राष्ट्र १२-८६, १४-१११ लक्खण ७-५३
SR No.032597
Book TitlePavitra Kalpasutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Bechardas Jivraj Doshi, Sarabhai Manilal Nawab
PublisherSarabhai Manilal Nawab
Publication Year1952
Total Pages458
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_kalpsutra
File Size26 MB
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