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________________ 20 2 * 21 22 2 10 14 16 18 20 24 26 28 30 32 34 36 38 40 42 44 46 48 50 RASHTRAKUTA CHARTERS FROM CHINCHANI-PLATE II 2. Grant of the time of Krishna III देसी हितविप इतिकारी कोकीका दी वालयल क नाविक सामाग জलोकम शत्रुवत झालित विवियन या विद्यावत का मनुश्श का साज मासिक प्रम नामादियादिवाद क विद विकृती 1941 विमा पासमारभावही तारिसी अमित पदक मायामजिकता विकारात काम नाशिक अविष्कघात विस्तारिक बलमा जो श्रादाय दायराम मोदी का यदिवस हुआ योवनले वये करू रि परिक मारे लड़िया सदाका लपारसीकरीमाব इसिं ला कायम डिविलिरु शाम काशीदलमा देवावरतानादिविरुदा कान मुलमुली काल हलका ठिकाना लैं कलिनाकविदिशा नाग बचाएं ि एसिस कलावंद देव दा सारे किल्ले यति॥ या के विलोकित मध्यान्यवनानि साते योदवस विस विदित ने वी दवदाश्रयप्रति व दामादा पन्त माविना जारि सिकिना या तिन लोकल दर्या वा৪ उकिन कट कोटि दलीतील ॥श्रविष्ठिताको टिसरुव वि नः स्थापना अनुदाने सुवेदक है। सर्व प्रतिः श्रीमाल यतो वानिक श्रीमदायरा यायिक समेत श्रीमठ का याः मास यतिधामका दिग्दा यस्ताका गास्मदीया कय श्रावाभियाँ प्रविज्ञान संकुठिक या स्माकं तदीया सेवा कर विदयाव चारि राहतो ४० कायः कवितीयविद्यावान की - वह कुशाद का शाकालाकार काय काकतालीया कम रुष्ट दलालम माठाचार" Scale: Three-Fourths कान लेकरलीयते सादिव द्वारिका तवती वाघां विदवना सँ अथवा यावा वारातिसम नावालक पारित या कम मावा कलिया व दुरुपর पालकी या यजुक थान काल था विस पंवसायात के पाट यात्रा स कानामनारायन वाद का शायी कायद कुल नल (कॉइन कशास के दाम लिया 110 6 8 221 222222222 10 14 16 18 20 24 26 28 30 32 34 36 38 40 42 44 46 48 50 मा. श्री कैलाससागरसुरि ज्ञानमदिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र मेवा, (गांधीनगर) पि. ३८२००९
SR No.032586
Book TitleEpigraphia Indica Vol 32
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD C Sircar, B Ch Chhabra,
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1957
Total Pages512
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size33 MB
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