________________
AUGUST, 1885.1
THE SONG OF ALHA'S MARRIAGE.
221
पास
जाइ जनमत तूं चमरा घर बबुआ नित उठ कुटत | देखल सूरत घुड़ बेनुल के रूदल बड़ मगन होय जाय चाम
दहिया पाँछे जब घोड़ बेनुल के रूदल हंस के कैल जात हमार रजपूतन के जग में जीबन है दिन चार 60 __जवाब चार दिन के जिनगानी फिर अंधारी रात ।
हाथ जोड़ के रूदल बोलल घोड़ा सुन ले बात हमार दैब रुसिहे जिब लिहे आगे का करिहे भगवान तब ललकारें रूदल बोलल डेबा मन्त्री के बलि जाओ जे किछु लिखल नरायन बिध के लिखल में नाहिं जाय | घोड़ा बेनुलिया तैयारी कर जलदी बोल कर० गज भर धरती घट जैहे प्रक चोट करों दैब से मार परमान
100 तब तो बेटा जासर के नयाँ पड़े रूदल बबुआन 65 घाड़ा पलान डबा ब्राहमन रसम कामड़ पलान चल गैल रूदल ओजनी से गढ़ पिअरी में गैल बनाय | चोटी गुहावे सोनन से चाँदी खील देल मढ़वाय लागल कचहरी है डेबा का जहवाँ रूदल पहुंचे जाय
पूँछ मढ़ावल हीरा से महराजा सुनी मोर बात सोना पलँगरी बिछवाइ सोना के माँढा देल धरवाय
सात लाख के हैकलवा है घोड़ा के देल पेन्हाय सात गलैचा के उपर माँ रूदल के देल बैठाय
प्रतो पोसाक पड़ल घोड़ा के रूदल के सुनी हवाल 105 हाथ जोड़ के रूदल बोलल बाब डेबा ब्राहमन के बलि बावन गज के धोती बाँधे खरुअन के चढल लँगोट जाओं
70
अस्सी मन के ढलिया है बगल में लेल लगाय लागल लड़ाइ नैना गढ़ में डेबा चली हमरा साथ
तीस मन के जब नेजा है हाथन में लेल लगाय
| बाँक दुआल पड़ल पञ्जड़ तक तर पल्ला पड़ल तरवार प्रतना बोली डेबा सुन गैल डेबा बड़ मोहित होइ जाय | जोड़ गदोइ डेबा बोलल बाबू सुनी रूदल बबुआन
छप्पन छूरी नौ भाला कम्मर में दुले बनाय 110 जहवा पसीना है रूदल के तहवा लोधिन गिरे हमार
जूता बनाती गोड़ सोभै जिन्ह का गूंज माँछ फहराय डेबा डेबा के ललकारे डेबा सुन बात हमार 75
बावन असरफी के गल माला हाथन में लेल लगाय बाँधल घोड़ा तबल खास में घोड़ा ए दिन लाव हमरा
भूजे डण्ड पर तिलक बिराजे परतापी रूदल बीर फाँद बछेड़ा पर चढ़ गैल घोड़ापर भैल असवार 114
घोड़ा बेनुलिया पर बघ रूदल घोड़ा हन्सा पर डेबा बीर चल गैल डेबा गढ़ पिपरी से तबल खास में पहुँचल
दुइए घोड़ा दुइए राजा नैना गढ़ चलल बनाय
मारल चाबुक है घोड़ा के घोड़ा जिमि न० डारे पाँव बावन कोतल के बैंधिल है बीच में बैंधिल बेनुलिया घोड़
उड़ गैल घोड़ा सरगे चल गैल घोड़ा चाल बरोबर जाय अहि समन्तर डेबा पहुँचल घोड़ा कन पहुँचल जाय ।
रिमझिम रिमझिम घोड़ा नाचे जैसे नाचे जङ्गल के जोड़ गदोइ डेबा बोलल घोड़ा सुन बात हमार 80
मोर भैल बोलाहट बघ रूदल के
रात दिन का चलला माँ नैना गढ़ लेल तकाय 120 लागल लड़ाइ नैना गढ़ में घोड़ा चल हमरा साथ ।
देखि फुलवारी सोनवाँ के रूदल बड़ मगन होय जाय प्रतना बोली घोड़ा सुन गैल घोड़ा जर के भैल अँगार
| डेबा डेबा के गोहरावे डेबा सुनक बात हमार बोलल घोड़ा जब डेबा से बाबू डेबा के बलि जाओं 84
| डेरा गिराव० फुलवारी में प्रक निंदिया लेब गवाय बज्जर पड़ गैल आल्हा पर श्री पर गिरे गजब के धार बडा दिव्य के फलबारी है जहवी डेरा टेल गिराय 14 जब से ऐलों इन्द्रासन से तब से बिदत भैल हमार |
घुमि, घुमि देखे फुलवारी के रूदल बड़ मङ्गन होय जाय पिलू बियायल बा खूरन में ढालन में झाला लाग ।
देखल अखाड़ा इन्दरमन के रूदल बड़ मङ्गन होय जाय मुरचा लागि गैल तरवारन में जग में डूब गैल तरवार
कैंडा लागल है देहन माँ दुइ डण्ड खेलौं बनाय आल्हा लड़या कबहीं न देखल जग में जीवन है बावन गज के धोती बाँधे उलटी चरना लेल चढ़ाय दिन चार
89 बावन कोठी के कोठवार देहन में लेल लगाय 129 प्रतना बोली डेबा सुन गैल डेबा खुसी मगन होय जाय | पलहथ रोपल अखड़ा में रूदल डण्ड कैल नौ लाख खोले अगाड़ी खोले पिछाड़ी गरदनियाँ देल खोलाय मूंदल भौजे मन बाइस के साढ़े सत्तर मन के डील बीन लगमियाँ धर खोले सोनन के खोले लगाम | तीस मन के नेजम है रूदल तूर कैल मैदान पीठ ठाँक दे जब घोड़ा के घोड़ा सदा रह० कलियान | ताल जे मारे फुलवारी में महराजा सुनी मोर बात चलल जे राजा डेबा ब्राहमन घुड़ बेनुल चलल बनाय । फुलवा झरि गेल फुलवारी के बन में गाछ गिरल घड़ी अढाइ का अन्तर में रूदल कन पहुँचल जाय 95 | भहराय
जाय