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________________ 1tb. GUJARAT RASHTRAKUTA GRANT OF DHRUVA II. - SAKA 757. यूनान किया गयक हितायदात उसका मुनी यी नायकर काय समुहमा राति मानिनि सहिम प्रशासूचक अनु विनियमच का दुनिया का सिमला रुक गए मालाজसुनाएकी सुमनकद महिला युद्ध चलमालाकारीत मस्तारक एकचन का सुवर्तिनादा यायाम यस भविता सहा संघ हा भाग वा विसरिता विष जादा मानसा का पति यति ग्रामंत धुलि कमकीमा सुवः सहिद तथा घागयाजी 1 ফেইনবশনকমানাभেा ( लामा कालाबाजारिका यानि रुद्राक्षरसुतव्या कानाममिला विश्वामाग्रामोपा का कि यह ना यदि ज्ञान को महीयानी बद्धको दलित वसीका मात्रा मायाका भाজা1ারমराआ 25माधवসা प्राएका चलकित है নशुাসশयामा ORIGINAL PLATES 116 BY or" का साडा विकर:संद জমধকংসরহসি
SR No.032506
Book TitleIndian Antiquary Vol 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJohn Faithfull Fleet, Richard Carnac Temple
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages418
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size18 MB
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