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________________ . महाजनवंश मुक्तावली... १२१ धारता हुआ, जिन चैत्यालय ८४ गामोंमें करा २ कर, पूजन होते ही, सर्व उपद्रव शान्त हुआ, वर्षात होके सुकाल हुआ, तब ८४ जात स्थापन हुई, सोठीलाकेतोसाह कहलाये, वाकी सबोंके गांम जात राजपूत कुलदेवी सब नीचे मुजब । गोत . वंश कुलदेवी खंडेला | पाटणी पापड़ी ro arur 2 Vol 2 चक्रेश्वरी आमा देवी चक्रेश्वरी देवी जमाण देवी चक्रेश्वरी देवी नांदणी देवी मातणी देवी मातण देवी साह गोत चौहाण २ पाटणी गोत तंवर ३ पापड़ी वाल चौहाण | दोसा गोत. राठौड़ दौसागांम सेठी गोत सोमवंसी घोठाणिया | भौसा गोत चौहाण भोसाणी गौधा गोत, गोधड़वंस गोधाणी चांदूवाड़ गेत चंदेलावंत चंदूवाड़ मोठ्या गोत ठीमरवंस मोठ्या अजमेरा गोत गोड़वंस अजमेऱ्या ११ । दरडोद्या गोत | चौहाणवंस दरजेद गांम १२ गदय्या गोत | चौहाणवंस गदयो गांम | पहाड्या गोत चौहाणवंस पहाड़ी गांम | भूच गोत्र सूर्यवंस भछड़ गाम १५ वज गोत्र हेमवंस वजाणी गांम वजमहाराया हेमवंस बजमासी राऊका गोत्र सोमवंस , .. रालोली १८ पाटोद्या गोत्र | तंवरवंस पाटोदी पाघडा गोत्र | चौहाणवंस पांदणी सोनी गोत्र | सोलंखीवंस | सोहनी .. | औरल देवी नांदणी देवी चक्रेश्वरी देवी चक्रेश्वरी देवी | चक्रेश्वरी देवी आंमण देवी आमण देवी मोहणी देवी औरल देवी पद्मावती देवी चक्रेश्वरी देवी आमण देवी . । '
SR No.032488
Book TitleMahajan Vansh Muktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamlal Gani
PublisherAmar Balchandra
Publication Year1921
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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