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________________ पतद्ग्रहस्थान पतद्ग्रहप्रकृतियां संक्रमकरण ] ५ प्रकृतिक | संज्वलन मान, माया, लोभ, सम्यक्त्व मिश्र मोहनीय संक्रमस्थान | संक्रम प्रकृतियां सत्ता संक्रमकाल | स्वामी १३ प्रकृतिक | पु. वेद रहित ,, ,, | २४प्र. अन्तर्मुहूर्त | १३ प्रकृतिक २४प्र. समयो. आव. द्विक ,, , ११ प्रकृतिक | अप्रत्या. प्रत्या. क्रोध | २४प्र. , , , " " रहित पूर्वोक्त १० प्रकृतिक | संज्वलन क्रोध रहित । २४प्र. अन्तर्मुहूर्त पूर्वोक्त १० प्रकृतिक संज्वलन क्रोध रहित । २४प्र. समयो. आव. द्विक ,, ,, ४ प्रकृतिक | संज्वलन, माया, लोभ, सम्यक्त्व मिश्र मोहनीय पूर्वोक्त ३ प्रकृतिक | संज्वलन, लोभ, सम्यक्त्व, मिश्र मोहनीय ८ प्रकृतिक | अप्रत्या. प्रत्या. मान रहित | २४प्र.,, , ७ प्रकृतिक संज्वलन मान रहित । २४प्र. अन्तर्मुहूर्त पूर्वोक्त ७ प्रकृतिक २४प्र. समयो. आव. द्विक ,, ,, ५ प्रकृतिक अप्रत्या. प्रत्या. लोभ, व| २४प्र. समयो. आव. द्विका ,, , माया, मिश्र मोहनीय ४ प्रकृतिक | संज्वलन माया रहित | २४प्र. अन्तर्मुहूर्त नौवें गुण. में दो आवलिका शेष रहने तक पूर्वोक्त २९
SR No.032438
Book TitleKarm Prakruti Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
PublisherGanesh Smruti Granthmala
Publication Year2002
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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