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________________ ४१४ ] [ कर्मप्रकृति पतद्ग्रहस्थान संक्रमस्थान स्वामी ६ प्रकृतिक उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत क्षायिक सम्यग्दृष्टि क्षपकश्रेणी ५ प्रकृतिक उपशम सम्यग्दृष्टि क्षपकश्रेणी २२ प्रकृतिक २१ प्रकृतिक २० प्रकृतिक १४ प्रकृतिक १३ प्रकृतिक २१ प्रकृतिक २० प्रकृतिक १९ प्रकृतिक १८ प्रकृतिक १३ प्रकृतिक १२ प्रकृतिक ११ प्रकृतिक १० प्रकृतिक १८ प्रकृतिक १२ प्रकृतिक ११ प्रकृतिक १० प्रकृतिक ८ प्रकृतिक ७ प्रकृतिक ४ प्रकृतिक ११ प्रकृतिक ९ प्रकृतिक ८ प्रकृतिक ७ प्रकृतिक ५ प्रकृतिक ४ प्रकृतिक उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि उपशम सम्यग्दृष्टि क्षायिक सम्यग्दृष्टि " x ४ प्रकृतिक क्षायिक सम्यग्दृष्टि x उपशम सम्यग्दृष्टि क्षपकश्रेणी क्षपकश्रेणी x ३ प्रकृतिक उपशमश्रेणीगत क्षायिक सम्यग्दृष्टि उपशम सम्यग्दृष्टि उपशमश्रेणीगत उपशम सम्यग्दृष्टि xxx xx
SR No.032438
Book TitleKarm Prakruti Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
PublisherGanesh Smruti Granthmala
Publication Year2002
Total Pages522
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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