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977. पराघात नाम कर्म किसे कहते हैं?
उ. जिस कर्म के उदय से जीव विजय प्राप्त करता है और प्रतिपक्षी की हार ___होती है उसे पराघात नाम कर्म कहते हैं। 978. उच्छ्वास नाम कर्म किसे कहते हैं? ___ उ. जिस कर्म के उदय से जीव सुखपूर्वक श्वास-उच्छ्वास ले सकता है उसे
उच्छ्वास नाम कर्म कहते हैं। 979. आतप नाम कर्म किसे कहते हैं? उ. जिस कर्म के उदय से जीव स्वयं शीतल होते हुए भी दूसरों के तापयुक्त
होता है उसे आतप नाम कर्म कहते हैं। 980. आतप नाम कर्म का उदय किन-किन जीवों के होता है? उ. आतप नाम कर्म का उदय मात्र सूर्य विमान में स्थित जो पृथ्वीकायिक रत्न
है, उन रत्नरूप पृथ्वीकायिक जीवों को आतप नाम कर्म का उदय होता है। 981. आतप नाम कर्म वाला सम्यक्त्वी होता है या मिथ्यात्वी?
उ. आतप नाम कर्म के उदय वाला जीव मिथ्यात्वी होगा, सम्यक्त्वी नहीं। 982. किन-किन जीवों में उद्योत नाम कर्म का उदय हो सकता है? उ. * पृथ्वीकाय, अपकाय, वनस्पतिकाय, तीन विकलेन्द्रिय और तिर्यंच
पंचेन्द्रिय के, मूल औदारिक में तीन पर्याप्तियां पूर्ण करने के बाद उद्योत नाम कर्म का उदय हो सकता है। * तीन, चार, पांच अथवा छह पर्याप्तियां पूर्ण करने के पश्चात् साधु के
वैक्रिय शरीर में उद्योत नाम कर्म का उदय हो सकता है। * आहारक शरीर सम्बन्धी-श्वासोच्छ्वास, भाषा या मन पर्याप्ति पूर्ण करने से पूर्व अथवा बाद में मुनि के आहारक शरीर में उद्योत नाम कर्म
का उदय हो सकता है। * संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच के उत्तर वैक्रिय शरीर में तीन पर्याप्तियां पूर्ण होने
के बाद और तीसरी, चौथी या पांचवीं अथवा छठी पर्याप्ति पूर्ण होने
के बाद उद्योत नाम कर्म का उदय हो सकता है। 983. किन-किन जीवों में उद्योत नाम कर्म का उदय होता है? उ. * भवनपति आदि चारों निकाय के देवों के उत्तर वैक्रिय शरीर में तीन
पर्याप्तियां पूर्ण होने के बाद अथवा चौथी या पांचवीं या छठी पर्याप्ति पूर्ण होने के बाद उद्योत नाम कर्म का उदय होता है।
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206 कर्म-दर्शन
206 कर्म-दर्शन
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