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(LXVI)
३८५
३८८
३९१
शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३१५ ऋषभदत्त-देवानंदा-पद
३६२ औदारिक-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३१५ जमालि-पद
३६७ वैक्रिय-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३१८ चौत्तीसवां उद्देशक आहारक-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३२० एक के वध में अनेक-वध-पद ३८५ तैजस-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३२१ ऋषि के बंध में अनन्त-वध-पद ३८६ कर्म-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ३२२ वैर-बंध-पद
३८६ दसवां उद्देशक
३२७ पृथ्वीकायिक आदि का आन-पान-पद ३८६ श्रुत-शील-पद ३२७ क्रिया-पद
३८७ आराधना-पद
३२७ दसवां शतक (पृ. ३८८-४०२) पुद्गल-परिणाम-पद
३२९ पहला उद्देशक पुद्गल-प्रदेश का द्रव्यादि-भंग-पद ३२९ संग्रहणी गाथा
३८८ कर्मों का अविभाग-परिच्छेद-पद
३३० दिशा-पद
३८८ कर्मों का परस्पर नियम-भजना-पद ३३१ शरीर-पद
३८९ पुद्गली-पुद्गल-पद ३३३ दूसरा उद्देशक
३९० नौवां शतक (पृ. ३३४-३८७) संवृत का क्रिया-पद
३९० पहला उद्देशक
३३४ योनि-पद संग्रहणी गाथा ३३४ वेदना-पद
३९१ जम्बूद्वीप-पद ३३४ अकृत्य-स्थान-प्रतिसेवन-पद
३९१ दूसरा उद्देशक
३३४ तीसरा उद्देशक ज्योतिष-पद
३३४ आत्मर्धिक-परर्धिक-व्यतिव्रजन-पद ३९२ ३-३०वां उद्देशक ३३५ देवों का विनयविधि-पद
३९२ अन्तर्वीप-पद ३३५ अश्व का 'खु-खु' करण-पद
३९४ इकतीसवां उद्देशक
३३५ प्रज्ञापनी भाषा-पद अश्रुत्वा-उपलब्धि-पद ३३५ चौथा उद्देशक
३९४ श्रुत्वा-उपलब्धि-पद ३४३ तावन्त्रिंशक-देव-पद
३९४ बत्तीसवां उद्देशक ३४६ पाचवां उद्देशक
३९७ पापित्यीय-गांगेय-प्रश्न-पद ३४६ देवों का अंतःपुर के साथ दिव्य-भोग-पद ३९७ सांतर-निरन्तर-उपपन्न-आदि-पद ३४६ छठा उद्देशक प्रवेशन-पद ३४७ सुधर्मा सभा-पद
४०२ सांतर-निरन्तर-उपपन्न-आदि-पद ३५८ शक्र-पद
४०२ सद्-असद्-उपपन्न-आदि-पद ३५९ ७-३४वां उद्देशक
४०२ स्वतः परतः ज्ञान-पद
३५९ अन्तरद्वीप-पद स्वतः परतः उपपन्न-पद
३६० ग्यारहवां शतक (पृ. ४०३-४४१) गांगेय का संबोधि-पद ३६१ पहला उद्देशक
४०३ तेतीसवां उद्देशक ३६२ संग्रहणी गाथा
४०३
३९२
३९४
४०२
४०२