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श. ८ : उ. ९ : सू. ४३१-४३९
भगवती सूत्र ४३१. भंते! उच्च गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध किस कर्म के उदय से होता है? गौतम! उच्च-गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध के नौ हेतु हैं-जाति का मद न करना, कुल का मद न करना, बल का मद न करना, रूप का मद न करना, तप का मद न करना, श्रुत का मद न करना, लाभ का मद न करना, ऐश्वर्य का मद न करना, उच्च-गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-नाम-कर्म का उदय। ४३२. भंते! नीच-गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध किस कर्म के उदय से होता है? गौतम! नीच-गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध के नौ हेतु हैं-जाति का मद करना, कुल का मद करना, बल का मद करना, रूप का मद करना, तप का मद करना, श्रुत का मद करना, लाभ का मद करना, ऐश्वर्य का मद करना, नीच-गोत्र-कर्म-शरीर-प्रयोग-नाम-कर्म का उदय। ४३३. भंते! आंतरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध किस कर्म के उदय से होता है? गौतम! आन्तरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध के छह हेतु हैं-दानान्तराय, लाभान्तराय, भोगांतराय, उपभोगांतराय, वीर्यांतराय, आंतरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-नाम-कर्म का उदय । ४३४. भंते! ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध क्या देश-बंध है? सर्व-बंध है? गौतम! देश-बंध है, सर्व-बंध नहीं है। इसी प्रकार यावत् आन्तरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध
की वक्तव्यता। ४३५. भंते! ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध काल की अपेक्षा कितने काल का है? गौतम! ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध काल की अपेक्षा दो प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे-अनादिक अपर्यवसित, अनादिक-सपर्यवसित। इसी प्रकार यावत् आंतरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध की वक्तव्यता। ४३६. भंते! ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध का अंतर काल की अपेक्षा कितने काल का
गौतम! अनादिक-अपर्यवसित में अंतर नहीं है, अनादिक सपर्यवसित में अंतर नहीं है। इसी प्रकार यावत् आंतरायिक-कर्म-शरीर-प्रयोग-बंध के अंतर की वक्तव्यता। ४३७. भंते! इन ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर के देश-बंधक और अबंधक जीवों में कौन किनसे
अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? गौतम! ज्ञानावरणीय-कर्म-शरीर के अबंधक जीव सबसे अल्प हैं, देश-बंधक अनन्त-गुण हैं। इसी प्रकार आयुष्य-वर्जित यावत् आंतरायिक-कर्म-शरीर की वक्तव्यता। ४३८. आयुष्य-कर्म-शरीर-प्रयोग-देश-बंधक और अबंधक जीवों की पृच्छा।
गौतम! आयुष्य-कर्म-शरीर के देश-बंधक जीव सबसे अल्प हैं, अबंधक संख्येय-गुण हैं। ४३९. भंते! जिसके औदारिक-शरीर का सर्व-बंध है भंते! क्या वह वैक्रिय-शरीर का बंधक है? अबंधक है? गौतम! बंधक नहीं है, अबंधक है।
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