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भगवती सूत्र
श. ८ : उ. ९ : सू. ४०६-४१३ ४०६. यदि एक आकार का प्रज्ञप्त है तो क्या मनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध है?
अमनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध है? गौतम! वह मनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध है, अमनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध नहीं है। इस प्रकार इस अभिलाप के अनुसार अवगाहन-संस्थान नामक पण्णवणा (पद २१) यावत् ऋद्धि-प्राप्त-प्रमत्त-संयत-सम्यक्-दृष्टि, पर्याप्तक-संख्येय-वर्षायुष्क-कर्मभूमिक-गर्भावक्रांतिक-मनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध है, ऋद्धि-रहित-प्रमत्त-संयत-पर्याप्तक-सम्यक्दृष्टि-संख्येय-वर्षायुष्क-कर्मभूमिक-गर्भावक्रांतिक-मनुष्य-आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध नहीं है। ४०७. भंते! आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध किस कर्म के उदय से होता है? गौतम! आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध के तीन हेतु हैं-१. वीर्य-सयोग-सद्-द्रव्यता, २. प्रमाद ३. कर्म-, योग-, भव-, आयुष्य- और लब्धि-सापेक्ष आहारक-शरीर-प्रयोग-नाम-कर्म का उदय। ४०८. भंते! आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध क्या देश-बंध है? सर्व-बंध है?
गौतम! देश-बंध भी है, सर्व-बंध भी है। ४०९. भंते! आहारक-शरीर-प्रयोग-बंध काल की अपेक्षा कितने काल का है?
गौतम! सर्व-बंध एक समय, देश-बंध जघन्यतः अन्तर्मुहूर्त, उत्कृष्टतः भी अंतर्मुहूर्त है। ४१०. भंते! आहारक-शरीर-प्रयोग के बंध का अंतर काल की अपेक्षा कितने काल का है?
गौतम! सर्व-बंध का अंतर जघन्यतः अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्टतः अनंतकाल-अनंत-अवसर्पिणी-उत्सर्पिणी काल की अपेक्षा, क्षेत्र की अपेक्षा अनंतलोकदेशोन-अपार्ध-पुद्गल-परिवर्त। इसी प्रकार देश-बंध के अंतर की वक्तव्यता। ४११. भंते! इन आहारक-शरीर के देश-बंधक, सर्व-बंधक और अबंधक जीवों में कौन किनसे
अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक है? गौतम! आहारक-शरीर के सर्व-बंधक जीव सबसे अल्प हैं, देश-बंधक संख्येय गुण हैं,
अबंधक अनंतगुण हैं। तैजस-शरीर-प्रयोग की अपेक्षा ४१२. भंते! तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है? गौतम! तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध पांच प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसे-एकेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध, द्वीन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध यावत् पंचेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध। ४१३. भंते! एकेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध कितने प्रकार का प्रज्ञप्त है? इस प्रकार इस अभिलाप के अनुसार एकेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध के भेद पण्णवणा के अवगाहन-संस्थान-पद (पद २१) की भांति वक्तव्य है यावत् पर्याप्तक-सर्वार्थसिद्धअनुत्तरोपपातिक-कल्पातीत-वैमानिक-देव-पंचेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध
और अपर्याप्तक-सर्वार्थसिद्ध-अनुत्तरोपपातिक-कल्पातीत-वैमानिक-देव-पंचेन्द्रिय-तैजस-शरीर-प्रयोग-बंध।
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