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भगवती सूत्र
श. ८ : उ. २,३ : सू. २१३-२१९ २१३. भंते ! इन मति-अज्ञान, श्रुत-अज्ञान और विभंग-ज्ञान के पर्यवों में कौन किससे अल्प, बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गौतम! विभंग-ज्ञान के पर्यव सबसे अल्प हैं। श्रुत-अज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण, मति-अज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण हैं। २१४. भंते! इन मति-ज्ञान-पर्यवों यावत् केवल-ज्ञान के पर्यवों तथा मति-अज्ञान, श्रुत-अज्ञान
और विभंग-ज्ञान के पर्यवों में कौन किससे अल्प बहु, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं? गौतम! मनःपर्यव-ज्ञान के पर्यव सबसे अल्प हैं। विभंग-ज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण, अवधि-ज्ञान के पर्यव उनसे अनन्त-गुण, श्रुत-अज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण, श्रुत-ज्ञान के पर्यव उनसे विशेषाधिक, मति-अज्ञान के पर्यव उनसे अनंत-गुण, मति-ज्ञान के पर्यव उनसे विशेषाधिक, केवल-ज्ञान के पर्यव उनसे अनन्त-गुण हैं। २१५. भंते! वह ऐसा ही है। भंते ! वह ऐसा ही है।
तीसरा उद्देशक वनस्पति-पद २१६. भंते ! वृक्ष कितने प्रकार के प्रज्ञप्त हैं? गौतम ! वृक्ष तीन प्रकार के प्रज्ञप्त हैं, जैसे-संख्येय जीव वाले, असंख्येय जीव वाले, अनंत
जीव वाले। २१७. भंते ! संख्येय जीव वाले वृक्ष कौनसे हैं?
गौतम ! संख्येय जीव वाले वृक्ष अनेक प्रकार के प्रज्ञप्त हैं, जैसे-ताल, तमाल, अरणी, तेतली, साल, साल-कल्याण, चीड़, जावित्री, केवड़ा, कंदली तथा भोजपत्र, अखरोट, हींग का वृक्ष, लवंग-वृक्ष, सुपारी, खजूर, नारियल। ये तथा इस प्रकार के अन्य संख्येय-जीविक वृक्ष हैं। २१८. असंख्येय जीव वाले वृक्ष कौनसे हैं?
असंख्येय जीव वाले वृक्ष दो प्रकार के प्रज्ञप्त हैं, जैसे-एक अस्थि वाले, बहुबीज वाले। २१९. एक अस्थि वाले वृक्ष कौनसे हैं? एक अस्थि वाले वृक्ष अनेक प्रकार के प्रज्ञप्त हैं। जैसे-नीम, आम, जामुन, कोसम, साल, ढेरा अंकोल, पीलू, लिसोड़ा, सलइ, शाल्मली, काली तुलसी, मौलसरी ढाक, कंटक करंज, जिया-पोता, रीठा, बेहड़ा, हरड़, भिलावा, वायविडंग, गंभीरी, धाय, चिरौंजी, पोई, महानीम–वकायन, निर्मली, सीसम, विजयसार, जायफल, सुलतान, चंपा, सेहुंड कायफल, अशोक। ये तथा इस प्रकार के अन्य असंख्येय-जीविक वृक्ष एक अस्थिवाले हैं। इनके मूल भी असंख्येय जीव वाले हैं। स्कंध, त्वचा, शाखा और प्रवाल भी असंख्येय जीव वाले हैं। पत्र प्रत्येक जीव वाले हैं। पुष्प अनेक जीव वाले हैं। फल एक अस्थिवाले हैं। ये हैं-एक अस्थि वाले वृक्ष।
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