________________
श. ८ : उ. २ : सू. १६५-१७३
भगवती सूत्र वीर्य के लब्धिकों और अलब्धिकों की वक्तव्यता ज्ञातव्य है। बाल आदि वीर्य की अपेक्षा
बाल-वीर्य-लब्धि वालों के तीन ज्ञान और तीन अज्ञान की भजना है। उसके अलब्धिकों के पांच ज्ञान की भजना है। पण्डित-वीर्य-लब्धि वालों के पांच ज्ञान की भजना है। उसके अलब्धिकों के मनःपर्यव-ज्ञान को छोड़कर ज्ञान और अज्ञान की भजना है। बाल-पण्डित-वीर्य-लब्धि वालों के तीन ज्ञान की भजना है। उसके अलब्धिकों के पांच ज्ञान और तीन
अज्ञान की भजना है। इन्द्रिय की अपेक्षा १६६. भंते! इन्द्रिय-लब्धि वाले जीव क्या ज्ञानी हैं? अज्ञानी हैं? __ गौतम! चार ज्ञान और तीन अज्ञान की भजना है। १६७. इन्द्रिय के अलब्धिकों की पृच्छा।
गौतम! ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं हैं। नियमतः एक ज्ञान-केवल-ज्ञान वाले हैं। १६८. श्रोत्रेन्द्रिय-लब्धि वालों की वक्तव्यता इन्द्रिय-लब्धि वालों की भांति ज्ञातव्य है। १६९. श्रोत्रेन्द्रिय के अलब्धिकों की पृच्छा। गौतम! वे ज्ञानी भी हैं, अज्ञानी भी हैं। जो ज्ञानी हैं उनमें कुछेक दो ज्ञान वाले हैं, कुछेक एक ज्ञान वाले हैं। जो दो ज्ञान वाले हैं, वे आभिनिबोधिक-ज्ञानी और श्रुत-ज्ञानी हैं। जो एक ज्ञान वाले हैं, वे केवल-ज्ञानी हैं। जो अज्ञानी हैं, वे नियमतः दो अज्ञान वाले हैं, जैसे–मति-अज्ञानी और श्रुत-अज्ञानी। चक्षुरिन्द्रिय और घ्राणेन्द्रिय वाले जीवों के लब्धिकों और
अलब्धिकों की वक्तव्यता श्रोत्रेन्द्रिय की भांति वक्तव्य है। १७०. जिह्वेन्द्रिय-लब्धि वालों के चार ज्ञान और तीन अज्ञान की भजना है। १७१. जिह्वेन्द्रिय के अलब्धिकों की पृच्छा।
गौतम! जिह्वेन्द्रिय के अलब्धिक ज्ञानी भी हैं, अज्ञानी भी हैं। जो ज्ञानी हैं, वे नियमतः एक ज्ञान वाले–केवल-ज्ञानी हैं। जो अज्ञानी हैं, वे नियमतः दो अज्ञान वाले हैं, जैसे-मति-अज्ञानी और श्रुत-अज्ञानी। स्पर्शनेन्द्रिय के लब्धिकों और अलब्धिकों की वक्तव्यता इन्द्रिय के लब्धिकों और अलब्धिकों के समान है। जीवों का ज्ञानित्व और अज्ञानित्व-पद १७२. भंते! साकारोपयुक्त-जीव क्या ज्ञानी हैं? अज्ञानी हैं?
गौतम! साकारोपयुक्त-जीवों के पांच ज्ञान और तीन अज्ञान की भजना है। १७३. भंते! आभिनिबोधिक-ज्ञान-साकारोपयुक्त-जीव क्या ज्ञानी हैं? अज्ञानी हैं? गौतम! आभिनिबोधिक-ज्ञान-साकारोपयुक्त-जीवों के चार ज्ञान की भजना है। इसी प्रकार श्रुत-ज्ञान-साकारोपयुक्त-जीवों की वक्तव्यता। अवधि-ज्ञान-साकारोपयुक्त-जीवों की
२८४