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श. १ : उ. ६ : सू. २९५-३०२
भगवती सूत्र रोह ! इसी प्रकार वही अण्डा है, वही मुर्गी है। ये पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह! यह अनानुपूर्वी है-अण्डे और मुर्गी में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। २९६. भन्ते! क्या पहले लोकान्त और फिर अलोकान्त बना? क्या पहले अलोकान्त और फिर लोकान्त बना? रोह! लोकान्त और अलोकान्त पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह! यह अनानुपूर्वी है-लोकान्त और अलोकान्त में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। २९७. भन्ते! क्या पहले लोकान्त और फिर सातवां अवकाशान्तर बना? क्या पहले सातवां
अवकाशान्तर और फिर लोकान्त बना? रोह! लोकान्त और सातवां अवकाशान्तर पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह! यह अनानुपूर्वी है-लोकान्त और सातवें अवकाशान्तर में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। २९८. इस प्रकार लोकान्त के साथ सातवें तनुवात, घनवात, घनोदधि और सातवीं पृथ्वी वक्तव्य हैं। इस प्रकार लोकान्त के साथ आगे बताए जाने वाले प्रत्येक विषय की संयोजना
करणीय है, जैसेसंग्रहणी गाथा
अवकाशान्तर, वात, (तनुवात और घनवात), घनोदधि, पृथ्वी, द्वीप, समद्र, वर्ष (क्षेत्र), नैरयिक आदि (चौबीस दण्डक) अस्तिकाय, समय (काल-विभाग), कर्म, लेश्या, दृष्टि, दर्शन, ज्ञान, संज्ञा, शरीर, योग, उपयोग, द्रव्य, प्रदेश, पर्यव और काल। 'क्या पहले
लोकान्त बना'-इस वाक्य में सूत्र-रचना का निर्देश है। २९९. भन्ते! क्या पहले लोकान्त और फिर अतीत-काल बना? क्या पहले अतीत-काल
और फिर लोकान्त बना? रोह ! लोकान्त और अतीत-काल पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह ! यह अनानुपूर्वी है-लोकान्त और अतीत-काल में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। ३००. भन्ते! क्या पहले लोकान्त और फिर अनागत-काल बना? क्या पहले अनागत-काल
और फिर लोकान्त बना? रोह! लोकान्त और अनागत-काल पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह! यह अनानुपूर्वी है-लोकान्त और अनागत-काल में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। ३०१. भन्ते! क्या पहले लोकान्त और फिर सर्व-काल बना? क्या पहले सर्व-काल और फिर लोकान्त बना? रोह! लोकान्त और सर्व-काल पहले भी थे और आगे भी होंगे। ये दोनों शाश्वत भाव हैं। रोह! यह अनानुपूर्वी है-लोकान्त और सर्व-काल में पूर्व-पश्चात् का क्रम नहीं है। ३०२. जिस प्रकार लोकान्त के साथ इन सब पदों की संयोजना की गई, उसी प्रकार अलोकान्त के साथ भी इन सबकी संयोजना करणीय है।
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