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• श्री सहजानंदघन गुरूगाथा .
७
मैसुर स्टेट
८, ९ बीकानेर स्टेट
१०, ११, १२ उत्तरप्रदेश
(२) साँची स्तूप के पूर्व में २८ मील पर राहतगढ़ समीप बेतवा नदी तट
पर की गुफाओं में वहाँ के दि.जैनों की ओर से । (३) जबलपुर निकटस्थ पनागर गाँव से ३ मील दूर पहाड़ में वहाँ के
दि.जैनों की ओर से । (४) चंदेरी निकट १ मील दूर खंदारजी-गुफा मंदिरों के समीप चंदेरी
के दि.जैनों की ओर से । बेलगाँव जिले के गोकाक कस्बा के निकट की जैन गुफाओं में वहाँ के दि.श्वे.जैनों की ओर से । (१) बीकानेर से ३ मील दूर शिववाडी निकट साक्षरवर्य पुरातत्त्वाचार्य
श्री अगरचंदजी नाहटा के अग्रज श्री शुभराजजी नाहटा द्वारा । (२) बीकानेर से ५ मील दक्षिण में उदरामसर के धोराओं में ढ़ाई लाख
की लागत से तैयार अपने आश्रम को उसके मालिक सुप्रसिद्ध
वैद्यराज संन्यासी बाबा आसोपा द्वारा सादर भेट दिया जाना । (१) देहरादून-मसुरी के बीच राजपुर के उपवन में देहरादून निवासी लाला
कृष्णचंद्रजी जैन रइस की ओर से । (२) मसुरी की शिखरमालाओं में मसुरी से ३.५ मील नीचे जडीयानी
गाँव के पास पू. क्षुल्लक श्री छोटे वर्णीजी महाराज के साथ में
देहरादून निवासी लाला दीपचंदजी जैन आदि की ओर से । (३) देहरादून से ५ मील पूर्व में सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक समरभूमि नालापानी
शिखर पर स्थित संन्यासी आश्रम की १३ बीघा जमीन का दान वहाँ के महंत की ओर से और आश्रमनिर्माण देहरादून के दि.जैनों
की ओर से । ऋषिकेश-बद्रीनाथ के मार्ग पर कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग के बीच सुनला गाँव समीप गंगातट पर स्थित पर्वशिखर पर बीकानेर नरेश गंगासिंध के मित्र. अवेतनिक राज्यमान खजान्ची श्री प्रेमचंदजी सा'ब तथा श्री शुभराजजी आदि । सिद्धक्षेत्र तीर्थराज श्री समेतशिखर की तलहटी मधुवन में पू: क्षुल्लक
श्री छोटेवर्णीजी के साथ उत्तरप्रदेश के दि.जैनों की ओर से । सिद्धक्षेत्र श्री गिरनार के सहस्त्राम्र वन में बीकानेर के श्री शुभराजजी नाहटा की ओर से।
१३. हिमाचल प्रदेश
१४. बिहार प्रान्त
१५. सौराष्ट्र
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