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श्री सहजानंदघन गुरूगाथा .
आप दीपावली यहाँ मनाना चाहते हैं, आपकी वह भावना सफल हो । खुशी से पधारें। यहाँ, त्रयोदशी, चतुर्दशी तथा दीपावली तीनों दिन अहोरात्र (दिन-रात) अखण्ड मंत्रधून रहेगी। प्रवचन बन्द रहेंगे । इस धून में धूनी बना जा सके तो धन्य निहाल हो जायेंगे । अस्तु... ।
श्री चंदुभाई सपरिवार श्री छोटुभाई सपरिवार तथा उनकी मित्रमंडली को हार्दिक आशीर्वाद । माताजी ने भी आप सब को हार्दिक आशीर्वाद प्रेषित किये हैं। अन्य आश्रमवासियों ने भी धर्मस्नेह व्यक्त किया है। ॐ आनन्द आनन्द आनन्द ।
सहजानन्द के हार्दिक आशीर्वाद
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श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, हम्पी
दिनांक : 30-11-1969 साक्षरवर्य मुमुक्षु भाई प्रतापभाई, ___ आपका लेख रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा पन्द्रह दिन पहले भेजा है लेकिन अभी तक उसकी रसीद हमें नहीं है । अतः शीघ्र उत्तर दें ।
कार्तिक पूर्णिमा पर यहाँ पाँचसौ भक्त एकत्रित हुए थे । पूरे दिन के सभी कार्यक्रम सानन्द सम्पन्न हुए और रात्रि के समय भक्तिरस की धारा आलादकारक बनी रही । __ श्री चन्दुभाई को इस आश्रम ने प्रमुख पद पर आरुढ़ किया है तथा श्री छोटुभाई को भी ट्रस्टी मंडल में सम्मिलित किया है।
यहाँ से माताजी ने आपको हार्दिक आशीर्वाद तथा शेष भाई बहनों ने सादर धर्मस्नेह ज्ञापित किया है । श्री ववाणिया तीर्थ की आपकी यात्रा सफल रही होगी । वहाँ का वर्णन लिखें ।
धर्मस्नेह में अभिवृद्धि करें..... प्रतिपल आत्मशुद्धि तथा आत्मसिद्धि में उन्नति हो यही हार्दिक आशीर्वाद । ॐ शान्तिः ।
सहजानन्दघन पुनश्च :रजि. पत्र Clo. गुजरात विद्यापीठ के पते पर भेजा था ।
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