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________________ ॥ ॐ नमः ॥ ( अनाहतनाद-निसृत आत्मानंद मस्ती भक्तिगान-प्रसूत, अनुभूति की आवाज़-प्रयुक्त, स्वान्तः सुखाय, सर्वहिताय प्रस्तुत) • स्वानुभवात्मक • संवेदनात्मक • संशोधनात्मक • संगीतात्मक • सर्वश्रेयात्मक • स्वयंगुणात्मक • सविस्तृत स्वरुपात्मक श्री सहजानंदघन गुरूगाथा वर्तमान भारत के सर्वोत्कृष्ट-अध्यात्मयोगी योगीन्द्र युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी ('भद्रमुनि') की जीवनी |भाग : १ गिरिकंदराओं की योगभूमि कर्णाटक में अतीत के युगप्रधान भद्रबाहु से लेकर वर्तमान युगप्रधान सहजानंदघन (भदमुनि) तक आज्ञा-आशीर्वाद जगत्माता पूज्य माताजी धनदेवीजी आलेखक सद्गुरु-सूर्य की एक कृपा-किरण प्रा. प्रतापकुमार ज. टोलिया अनुलेखिका श्रीमती सुमित्रा प्र. टोलिया प्रेरक-सहायक सरलात्मा सच्चिदानंदकुमारदेव + स्व. कु. पारुल टोलिया प्रकाशक जिन भारती योगीन्द्र युगप्रधान सहजानन्दघन प्रकाशन प्रतिष्ठान Yogindra Yugapradhan Sahajanandaghan Prakashan Pratisthan वर्धमान भारती इन्टरनेशनल फाउन्डेशन प्रभात कोम्पलेक्स, के.जी. रोड, बेंगलोर-560009. 'पारुल', 1580, कुमार स्वामी ले आउट, बेंगलोर-560078.
SR No.032332
Book TitleSahajanandghan Guru Gatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherJina Bharati
Publication Year2015
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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