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मौन-प्रसून
महावीर-कथा पावन कथा, मन भावन कथा, तन-मन-जन लुभावन कथा। कर्मन् की आवन-जावन कथा, वेदन-संवेदन विदारण कथा।।
विगलित जहाँ पर सकल व्यथा
ऐसी यह पावन प्रभु वीर-कथा, महावीर-कथा।। ज्ञाता-ष्टा, सहन-सुहावन कथा, उपसर्ग-परिषह, परिप्लावन कथा। स्व-सहाय स्व-पुरुषार्थ अवगाहन कथा, (निज) स्वरूप ध्यावन (परि) दर्शावन कथा
नहीं चित्त भटकावन यत्र तत्र धावन (कथा) यथा तथा
ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा, महावीर कथा।। बहिर्मुक्त अंतर सुध्यावन कथा, अनुभूति-अनुभव-अनुपालन कथा।। नहीं डरन-डरावन-दुभावन कथा, अभय-अद्वेष-अखेद अवधारण कथा।।
सांत-अनंत मिलावन कथा,
ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा, महावीर कथा।। समकित सावन-सँवारन कथा, कर्म-उद्दीरण-आवाहन कथा। ध्यान-अनल कर्म-जलावन कथा, ऊर्ध्वातिऊर्ध्वगमन की गावन कथा
ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा, महावीर कथा।। मनमयूर नचावन तन-कमल खिलावन, कष्ट गलावन कर्म जलावन कथा। विरही मिलावन, हीन-दीन उठावन, दलित-पतित उद्घारण कथा।।
सुषुप्त चेतन जगावन, अनंत आतमशक्ति दर्शावन कथा,
ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा, महावीर कथा।। देहभान भुलावन कथा, आत्मभान-जगावन कथा प्रतिकार स्वीकार सिखावन कथा प्रतिकूल-अनुकूलन करावन कथा, जिनदर्शन में 'निज' दर्शावन कथा।।
काल चिरंतन असीम अनंत कथा, ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा प्रभु अनंत, प्रभुकथा अनंता, गावहि सब श्रुति जन संता
ऐसी यह पावन प्रभु वीरकथा, महावीर कथा।।
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