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अनुक्रम
1.
3.
सम्पादकीय : श्रीमद् राजचन्द्रजी की महाविदेही दशा
(उपास्यपदे उपादेयता) प्राक्कथन 2. मूल प्रकाशक का निवेदन
प्रास्ताविक एवं अर्थ सहयोगियों की नामावली श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, हम्पी : स्थापना एवं संक्षिप्त परिचय
योगीन्द्र युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी 5. साधकीय नियमावली : योगीन्द्र युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी 6. श्रीमद् राजचन्द्र : उपास्यपदे (उपास्यपद पर) उपादेयता
योगीन्द्र युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी कलश-काव्य : सफल थयुं भवम्हारूं हो : योगीन्द्र युगप्रधान श्री सहजानंदघनजी