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Second Proof Dr. 23-5-2017.49
• महासैनिक.
जनरल : मै बहुत ही आभारी हूँ आप सब के प्रेम और सहयोग के लिए । मैं आशा करता हूँ कि शांति सैनिकों की विशेष जिम्मेदारी होती है उन्हें आप सब समझेंगे और अपनाने के लिए आज प्रतिज्ञा करेंगे कि (वाद्यसंगीत) .
आज हम खुशनसीब हैं कि हमारे बीच अतिथि शांतिसैनिकों के नेता उपस्थित हैं। मैं उनको मेरी और आप सब की ओर से प्रार्थना करता हूँ कि वे हमसे शांतिसेना की प्रतिज्ञा लिवायें । शांतिसेना के नेता : मैं बड़ा ही खुश और शुक्रगुजार हूँ आप के इस फैसले से । तो मेरे साथ बोलिये(खड़े होकर सब दोहराते है।
"हम इस बड़े राष्ट्र के भूमि और अवकाश सेना के अफसर आज से, गांधी के ठीक सौ वर्ष बाद भी इस गांधी-मृत्यु-शताब्दी से, आज प्रतिज्ञा करते हैं कि, हम आज से अपने आपको शांतिसैनिकों के रूप में, परिवर्तित रहेंगे, सत्य और अहिंसा का दृढ़ रूप से पालन करेंगे, अहिंसक, शांत, प्रतिकार के प्रमंपूर्ण तरीके को अपनायेंगे और सारे विश्व को हमारा घर समझेंगे।" (सभी एक एक पंक्ति दोहराते हैं ।) पार्श्वगीत (समूह मंत्रघोष)
“यत्र विश्वं भवत्येकनीडम्....."
"वसुधैव कुटुंबकम्...." शांतिसैनिक के नेता : दोहराइये मेरे साथ -
"जय जगत" (सभी) "जय जगत्"
"जय शांति" (सभी)"जय शांति". - "जय गांधी" (सभी) "जय गांधी" (सभी बैठ जाते हैं।) जनरल : (सभी से ) आज से हमारा नया जन्म हैं। अबसे प्रत्येक पल हमारी कसौटी का है। (मार्शल से) "पिस मार्शल" मेथ्यु ! आप अब जाकर वायरलैस पर हमारे फैसले की डिफैन्स मिनिस्टर और प्रेसिडैन्ट साहब को सूचना दें और यह भी कहें कि हमारे सारे वॉर प्रोग्राम बंद किये गए हैं और उनसे प्रार्थना है कि वे भी अब हमारी बची हुई बस्ती को चंद्र की ओर उड़ा ले जाने का प्रोग्राम बंद रखें । हमारे शांतिसेना के तरीके को हम देश की और विश्व की सेवा में प्रस्तुत करने तत्पर रहेंगे। मार्शल : जो आज्ञा । ( जाते हैं बाहर के ही निकट स्थान पर)
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