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Second Proof Dt. 23-5-2017 . 43
• महासैनिक.
अंक-३
दृश्य : दूसरा अंतिम दृश्य स्थान : प्रथम अंक के प्रथम दृश्यवाला युद्धभूमि और बूढ़े बाबा की मृत्यु का, मृतदेह को दफनाने का (कब्रस्तान)। समय : संध्या के ५-००
(दृश्य में खुला स्थान : चारों ओर कुछ वृक्ष : बीच में बूढ़े बाबा की दफ़नाने की जगह पर एक लकड़ी के साथ पोस्टर, जिस पर लिखा हैं-"यहाँ सोये हैं १०६ साल के शांतिसैनिक बूढ़े बाबा, जिन्होंने संसार को युद्ध और सर्वनाश से बचाने में अपनी सारी जिंदगी बीता दी...।" एक ओर एक पेड़ के सहारे लटकाया है वह चार्ट जिस पर गांधी का चित्र है और यह सूत्र लिखा हुआ है : “दूसरों को मिटानेवाले देश खुद ही मिट जाते हैं...." दूसरी ओर कुछ फॉल्डींग कुर्सियाँ हैं अफसरों के लिए : जनरल, मार्शल, फिल्ड मार्शल, लौफ्टेनन्ट, ग्राउन्ड कन्ट्रोल, स्पेइस सॉल्जर ओर शांतिसैनिकों के एक लीडर - सभी अपने अपने युनिफोर्म में कुर्सियों पर बैठे हुए हैं । केवल जनरल ने अपने युनिफोर्म के स्थान पर शांतिसैनिक का Robe और Scarf गले में पहना है। एक स्कूल पर कुछ किताबें और टेइप रिकार्डर-बाबा के बंडलवाला सब सामान पड़ा है। बीच में इस पाश्चात्य राष्ट्र के ध्वज को झुकाया हुआ गाड़ा है। जनरल के साथ ही आगे कन्ट्रोलर का स्थान रखा गया है इन दोनों के परिवारों के मृतजनों की शांति प्रार्थना के हेतु । बाकी के सब लोग नीचे दरी पर बैठे हुए हैं। करीब २५ लोग कुल मिलाकर एकत्रित हुए हैं। - मार्शल मेथ्यु :
मेरे प्यारे अफसरों ! आप सब जानते हैं कि हमारी ही गलति से आज हमारे देश पर क्या गुज़री है।
यह भी बड़े ही दुःख की बात है कि हमारे सब के आदरणीय जनरल व्हाइटफिल्ड साहब और ग्राउन्ड स्टेशन कन्ट्रोलर साहब के सारे के सारे परिवार इस महानाश में खो गये हैं। हमारे इस अभूतपूर्व संकट की बेला में सब से ज़्यादा दुःखी हमारे जनरल साहब हैं। उन्होंने प्रायश्चित का दोष अपने पर लेकर उपवास शुरु कर दिया है, जब कि इस गलती के हम सब भी हिस्सेदार हैं। दूसरी ओर जनरल साहब - इस संकट से कोई नया मार्ग खोज रहे हैं । इस विषय में हमसे वे बात करना चाहते हैं । आशा करता हूँ कि उसे हम समझेंगे और जनरल साहब को हम पूरा सहयोग देंगे।
इसके पहले कि मैं जनरल साहब से कुछ कहने की प्रार्थना करूं, हमारे देश के पांच करोड़ मृत नागरिकों की एवं हमारे जनरल और कन्ट्रोलर साहब के परिवारों की आत्मशांति के लिए हम खड़े रहकर मौन प्रार्थना करेंगे ।
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