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Second Proor Dr. 23-5-2017 - 29
.महासैनिक.
( वाद्यसंगीत और पार्श्वगीत पंक्ति : 'गर्व कियो सोई नर हार्यो') जनरल (प्रकट): "..... तीसरे विश्वयुद्ध के हम विजयी लोग और मैं... मैं भी कौन ? हम इस चौथे विश्वयुद्ध में दुश्मन देशों का रंग मिटाकर ही रहेंगे.... ।" . मार्शल : ( उसी भाव में) अब मिटने मे थोड़ी ही देर है साबह.. ! पार्श्वघोष (मार्शल की प्रतिध्वनि): "अब मिटने में थोड़ी देर है..... ।" ... पार्श्वगीत पंक्ति : "गर्व कियो सोई नर हार्यो...." (जनरल, मार्शल, फिल्ड मार्शल, ग्राउन्ड कन्ट्रोलर - सभी फिर प्लान्स पर केन्द्रित होते हैं।) फिल्ड मार्शल (जनरल से): तो आप क्या चैन्ज बतला रहे थे, साहब ? जनरल : हाँ, देखो हमारे इस दूसरे राकेट को छोड़ने के बाद तुरन्त ही तीसरा राकेट हम छोड़ना चाहते हैं जिससे हम दुश्मन देश के एटमास्फीयर को एफेक्ट कर सकें- हमें पहले बरसात बरसानी है और बाद में पाइजन गैस छोड़नी है ... । मार्शल : Artificial Rain और फिर Poison Gas ?
जनरल : हाँ, हमारे प्रेसिडैन्ट यह चाहते हैं । पार्श्वगीत पंक्ति:
___ "पांच सात शूराना जयकार काज खेलाणा खूब संहार - (२)" फिल्ड मार्शल : Excuse me, Sir, लेकिन इस से तो दुश्मन को ही नहीं दूसरे और हमारे देश पर भी असर होगा। जनरल : इन सारी सम्भावनाओं को सोचा गया है Poision Gas के बाद हमारे देश तक असर होने में आठ-दस रोज लग जायेंगे। उसके पूर्व तो हमारे देशवासी पृथ्वी को खाली कर चंद्र पर बसने पहुंच गये होंगे ! स्टेशन कन्ट्रोलर : तो क्या चन्द्र पर बसने जल्दी ही जाने का प्रोग्राम है ? जनरल : जल्दी ही, कल तो सारे Moon Crafts हमारी बस्ती को उड़ाकर ले जानेवाले हैं और उधर चन्द्र की भूमि पर सब कुछ करीब करीब तैयार है। मार्शल : तो प्रेसिडैन्ट ने हमारे लोगों को यह सूचित भी कर दिया है क्या ? जनरल : हाँ, सभी को । अब तो वहाँ बड़ी जोरों की तैयारियां चल रहीं हैं। स्टेशन कन्ट्रोलर : फिर तो हमें भी जल्दी करनी चाहिए । जनरल (कन्ट्रोलर से) सारी आवश्यक साधन-सामग्री तो तैयार है न ?
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