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________________ Second Proof DL. 23-5-2017 - 24 • महासैनिक जनरल (कुछ याद कर) : अरे हाँ, शायद बूढ़े बाबा ने- उन्हीं युद्धों के कुछ चार्ट्स भी बंडल में रखे हैं, देखें । (बंडल को भीतर से दोनों मिलकर चार्ट्स निकालते हैं और दीवारों पर अपने युद्ध के नकशों के पास लटकाते हैं -) और शायद इन युद्धों के बारे में कुछ टेइप्स भी हैं। अगर हमारे प्लानों की मिटिंग की देरी न होती हो तो यह भी सुनें । मार्शल : (घड़ी देखकर) अभी १५ से २० मिनट काफी हैं, साहब ! जनरल : तब तो हम जरुर सुन लें,(टेइपरिकार्डर चालु करते हैं, एक बार पट्टी को आगे-पीछे करने के बाद - दोनों टेइप को सुनते रहते हैं और चार्ट्स को देखते रहते हैं, जो कि बड़े, साफ, कलात्मक और दर्शनीय हैं।) पार्श्ववाणी : गांधीजी की आवाज़ अथवा पुरुष-स्वर (टेइप से) "मैं कौओं और कुत्तों की मौत मरना पसन्द करूँगा, लेकिन आजादी पाये बिना मैं आश्रम लौटूंगा नहीं... ।" पार्श्ववाणी : स्त्री स्वर : - इस प्रतिज्ञा के साथ गांधीजी ने अपनी और देश की साधना का प्यारा केन्द्र साबरमती आश्रम छोड़ा - १२ मार्च, १९३० के रोज़ । इस २४१ मील लंबी महान ऐतिहासिक कूच में साबरमती से दांडी के सागरतट तक अपने ७९ अहिंसक साथी सैनिकों के साथ गांधीजी पैदल चलते हुए गये । उनके पीछे हज़ारो और लाखों लोग चल निकले - सब के सब बिना हिंसक हथियारों के ! हाथ में 'चरखा', दिल में सरफ़रोशी की तमन्ना और मुख में राम का मालिक का नाम लिए !! कूच के गाँव गाँव में गूंजता रहा चरखा और रामनाम और जाग उठा विराट लोकसमाज - पार्श्वगीत : एकाकी पुरुषस्वर (गुजराती दोहे): "वण भालां, वण बरछी, वण तलवार वण तोप, तारं कटक काळो कोप, वण हथियारे वाणिया... ! "एक रणुंके रेंटियो ने बीजो रणुंके राम, साबरमतीनो श्याम, तें तो घेलां कीधां गाम !" (संकलित) पार्श्व (प्रवक्ता) वाणी (स्त्रीस्वर): क इस कूच का मकसद था 'नमा का कानून' तोड़ना और इस बहाने सारे मुल्क को जगाना । नमक - आम जनता और मुल्क की आज़ादी का प्रतीक !! नमक बनाना और उसके कानून को तोड़ना सीधी सादी लेकिन असर के लिहाज से एक बड़ी बात थी । दांडीकूच के इस नमक सत्याग्रह के मकसद को समझाते हुए गांधीजी ने तब कहा था - (24) /
SR No.032302
Book TitleMaha Sainik Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherYogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan
Publication Year
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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