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स्तवन - ९
(राग : प्राचीन) शत्रुजय जोयाना कोड रे, मारुं मन मोहयुं रे आदिजीन भेट्या ना कोड रे, मारू मन मोहयुं ॥१॥ हेजे हसी मुझ हैयु ज नाचे,
जाणे भेटु जई दोड रे ॥२॥ दीठे शुभमति सुमति पासे,
कुमतिकुगति दई तोडरे ॥ ३॥ लौकिक तीरथ ए कंटक तरु सम,
असुरतरुनो छोड रे ॥४॥ ईण गिरिपर रूडा पंखीडा बोले,
मधुर टहुके छे मोर रे ॥५॥ संघपति ईण गिरि आवे उमंगे,
भेटण होडाहोड रे ॥६॥ ईण गिरी पर दादा ऋषभ बिराजे,
दुःख दुर्गति देई डोल रे ॥ ७ ॥ प्रेम विबुध पाय पंकज लीनो,
__ कान्ती नमे करजोड रे ॥ ८ ॥ MORROTTED 15TORRENT