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श्री विजयधर्मसूरि जैन ग्रन्थमाला-पु. ४९
संस्कृत प्राचीन स्तवन संदोह
संपादकशास्त्रविशारद जैनाचार्य श्री विजयधर्मसूरीश्वरजी महाराजना
लघु शिष्यरत्न इतिहासतत्त्ववेत्ता शान्तमूर्ति मुनिराज श्री जयन्तविजयजीना शिष्य
मुनि विशालविजय
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प्रथनावृत्ति १०००. वीर संवत्-२४६५ ] धर्मसंवत्-१७ [ विक्रम संवत्-१९९५
मूल्य-त्रण आना