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(१०) श्री शितलनाथ जिन स्तवन (१) शीतल जिन सहाजानंदी
- (११) श्री श्रेयांसनाथ जिन स्तवन १) तुमे बहु मैत्री रे साहिबा . . (२) श्री श्रेयांस जिन अंतरयामी
(१२) श्री वासुपूज्य जिन स्तवन (१) स्वामी तुमे कांई कामण की, (२) आवो आवो मुज मन मंदिर (३) वासुपूज्य जिन वंदोये (४) वासुपूज्य विलासी (५) पूजना तो कीजे रे
(१३) श्री विमल जिन स्तवन (१) दुःख दोहग दूरे टल्यां रे (२) सेवो भवियां ! विमल जिवेश्वर
. (१४) श्री अनंत जिन स्तवन (१) अनंत जिनंद शुं प्रीतडी (२) धार तलवारनी
(१५) श्री धर्मनाथ जिन स्तवन (१) धमं जीनेश्वर गाउं रंगशुं (२) हारे मारे धर्म जिणंद शृं (३) थाशुं प्रेम बन्यो छे राज
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