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जगदाधारा, वीरने आतम अर्पण करूं ॥वीरना० ॥१॥ अर्जुनमाली शेठसुदर्शन, तारी चंदनबाला, आनंदने प्रभु शरणुं आव्यु, सौना प्रभु रखवाला, वीरना नामर्नु रटण करुं ॥वीरना० ॥२॥ संगमदेवे प्रभुने सताव्यां, प्रभुए समताधारी, भय भैरवमां प्रभुजीनिर्मल, कर्मसत्ता पणहारी, वीरनी वाणी- पान करुं ॥वीरना० ॥३॥ दर्शन जेनुं दुःख हरनारुं, गुणसागर जिनदेवा, आनंदमंगल दाता प्रभुजी, मलजो भवोभव सेवा, वीरनुं एकज नाम खलं ॥वीरना० ॥४॥ वीरजिनेश्वरराया निराला, श्री गौतमगुरु प्यारा, श्रीहीरविजय गुरुशासन नायक, अक्षयपद अविकारा, अंतर आतम भाव धरूं ॥वीरना० ॥५॥ (19) श्री महावीर जिन स्तवन (दिवाली-) (राग : बेना...रे)
महावीरस्वामी प्रभु मोटकाजो, जगमां जय जिनराजजो, हस्तिपाल रायनी विनंतीजो, धारी पावापुरी आयजो, दिन दिवालीनो दीपतो ॥१।। चरम चौमाशुं महावीरजो, रह्यां पावापुरी मांडजो, दर्शन करवाने कारणेजो, सुरनर आवेने जायजो ॥२॥ देश अढारना राजीयाजो, लगतां पोषध दोय ठायजो, वीरवाणी वरसावतांजो, पहोर सोले सुखदायजो ॥३।। आसोवद अमावसनीजो, सांजे गौतम गणधारजो, देवशर्माने प्रतिबोधवांजो, मोकल्या वीर तेणीवारजो ॥४॥ वीरनुं निर्वाण जाणीनेजो, आव्यां चौशठ इन्द्रजो, रातमां दिन रचना रचीजो, जुवे नरनारीनां वृंदजो ॥५॥ कनेरी गोखने गोखलेजो, श्रेणीदीप समानजो, रत्नो विविध रंगनाजो, ठाम ठाम देवीना गानजो ॥६॥ ते दीन दिप मालिकाजो, पडयुं जगमांही नामजो, ते दिन अणसण पालीनेजो, पहोंच्यां शिवपुर ठामजो ॥७॥ गौतम गयां ते रात्रीमांजो, वीर पाम्यां निर्वाणजो, प्रातःकाले तव आवीयाजो, देखी मूछार्णा जाणजो ॥८॥ वीर वजीर एम विनवेजो, सामु जुवो एकवारजो, देवशर्माने में बूजव्याजो, आप आणा निरधारजो ॥६॥ मौनधारी महावीर प्रभुजों, केम बेठां आवारजो, रीसाणा शुं अपराधथीजो, सेवक मूक्यो विसारजो ॥१०।। मुखडं जोइ प्रभु तुम तणुंजो, झुरे सहु परिवारजो, हसी बोलावोरे वालहाजो, पामे हर्ष अपारजो ॥११॥ दुःख घणां जगजाणीयेजो, वीर समो नहि कोईजो, वीरना वजीर सरीखांजो, चीवर भीजाये रोयजो ॥१२॥ शंसय
दिन मणसण