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__हवे दिकरीओनी जवाबदारीमांथी मुक्त बनेला पिताश्री चंदनमलजी पोताना पुत्र कुंदलमलजी साथे सर्प जेम कांचळी सहेलाईथी उतारी नांखे तेम पिता-पुत्रे पाछळ कई वंशवेलो न रहे ते रीते रागनो स्वांग उतारी वैराग्य ना वाघा पहेरवाना थनगनाट साथे पांच जिनालयोथी देदीप्यमान नयनरम्य खिवान्दि नगरे अट्ठाई महोत्सव वर्षीदान वरघोडो स्वामी वत्सल आदि उचित सुकृत कार्य करी कलकत्ता मुकामे जई परम शासन प्रभावक लाडीला गुरुदेवश्री पू. आ. दे रामचंद्र सू. म. सा. ना वरद हस्ते जेठ सु. ५ सं. २०११ ना शुभदिने पिता पुत्र संयमि बन्या अने सु. श्रा. गुलाबबेनना नंदन मटीने सूरि रामना लाडिला अणगार पू. चंपक वि. म. अने जतनाबेनना नंदन मटीने अनेकना बन्या पू. कनकध्वज वि. म. अने झंपलावी दीधुं साधनाना महायज्ञमां.....
साधनाना महायज्ञमां नानी-नानी पण महान विविध गुणोनी झलक
॥ दीक्षाना दिवसथी ज शरीरनी आळपंपाळने छोडी आत्मानां भूगर्भमां जई बहिर्मुखताना द्वार बंध करी अंतर्मुखतानां द्वार उघाडी प्रमादने लुलो बनावी अप्रमत्त दशाना गगनमा विहरवानो प्रारंभ करी स्वाध्यायना यज्ञ साथे त्यागनी सेज पाथरी, वैराग्यनुं ओशीकुं बनावी निरतिचार संयमजीवननी सरितामां डुबकी लगावी दीधी छे जेने.....
चाहे पर्वना दिवसो होय के चाहे तिथिना, के चाहे सामान्य दिवस पण केम न होय पण आ पू. चंपक वि.ना शरीर पर तो तप त्यागनां अलंकारो अलंकृत थयेला ज होय जेने...... __ स्वास्थ्य चाहे अनुकूल होय के प्रतिकूल पण आधाकर्मी गोचरी तो न ज आववी जोईए। तेनी सतत आज दिन पर्यंत काळजी राखी छ। जेने शरीरने चानो थोडो डोझ आपवो पडे पण जो ते आधाकर्मीथी आवी छे पोताना माटे एम जाण थाय के तेनो तुरत ज त्याग। ते न ज वापरे जे....
F आवश्यक क्रिया-मुद्रामां केवी तन्मयता ज्यां प्रमादनो तंबु डेरो नांखी ज न शके तेवी जीवनमां अप्रमत्तता आज पण ८६ वर्षनी
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