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(७) अधिक समृद्ध बनाया है। इसके साथ ही कई पत्र-पत्रिकाओं में वैज्ञानिक शोध के आधार पर इस सम्बन्धी सामग्री प्रकाशित होती रहती है। इस विषय में पश्चिम में भी काफी वैज्ञानिक शोध एवं कार्य हो रहा है। इन्हीं सबको आधार मानकर पाठकों की सुविधा की दृष्टि से इस पुस्तिका का निर्माण किया गया है जिससे संक्षेप में इस विषय की सारभूत एवं प्रामाणिक जानकारी मिल सके।
आशा है पाठकगण इससे लाभान्वित होंगे।
धन्यवाद! दिनांक ६ नवम्बर, १९८६
लेखकनन्दलाल दशोरा