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मृत्यु और परलोक यात्रा
। मृत्यु जीवन का एक शाश्वत सत्य है। लेकिन इसे सुखद कैसे बनाया जा सकता है जिससे भावी जन्म अधिक उन्नत एवं समृद्ध बन सके, 'यह भी मनुष्य के हाथ में है। दैवी शक्तियाँ इसे अधिक उन्नत बनाने में सदैव सहयोग करती हैं। किन्तु अज्ञानवश मनुष्य स्वयं अपना पतन कर लेता है जिसके लिए यह प्रकृति जिम्मेदार नहीं है। ___मृत्यु क्या है ? क्या मृत्यु के बाद भी जीवन है ? मृत्यु किसकी होती है ? पुनर्जन्म कैसे और क्यों होता है ? हमारे जीवन और परलोक के जीवन में क्या अन्तर है ? मोक्ष क्या है ? इत्यादि प्रश्नों की जानकारी देने का प्रयास किया है श्री नन्दलाल दशोरा ने।'