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( १० )
बाद का जीवन
जीवात्मा का शरीर से मोह, दाह संस्कार, जीवात्मा का घर में निवास, जीवात्मा का सूक्ष्म लोक में प्रवेश ।
७. मृत्यु
के
८. अन्तराल में भटकती श्रात्माएँ
अन्तराल की आत्माएँ, जीवात्माओं से सम्पर्क मन्त्रों द्वारा आह्वान, ध्यान द्वारा ज्ञान, त्माएँ सहायता भी करती हैं।
जीवा
६. जीवात्मा का क्रमिक विकास
सूक्ष्म से स्थूल जगत, स्थूल शरीर, आकाश या भाव शरीर, सूक्ष्म शरीर, मानस शरीर, आत्मिक शरीर, ब्रह्म शरीर, निर्वाण शरीर ।
१०. ब्रह्मविदों की परलोक यात्रा
११. साधारण जीवों की परलोक यात्रा
विभिन्न लोक, भू लोक, काम लोक, मनोलोक स्वर्ग लोक, बुद्धि लोक, आत्म लोक, निर्वाण लोक ।
१००
ब्रह्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान के उपासक, ब्रह्मज्ञान का फल, परब्रह्म को प्राप्त होना, ब्रह्मलोक को प्राप्त होना, ब्रह्मलोक में जाने का मार्ग ।
१२. पुनर्जन्म और अवतार
६४'
पुनर्जन्म का कारण, पूर्वजन्म की स्मृति, अवतार ।
७४
८४
१०७.
१२२