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________________ १०. चिन्तन का अमृत-सचमुच, इस पुस्तक का स्वाध्याय करते समय अमृत के प्रास्वादन की अनुभूति हुए बिना नहीं रहती। विषमय भौतिक जीवन को किस प्रकार अमृतमय बनाया जा सकता है, ऐसे अनेक निबन्ध इस पुस्तक में संगृहीत होने से यह पुस्तक मुमुक्षु व आराधक आत्मा के लिए अवश्य पठनीय/मननीय है । . . - ... मूल्य : सात रुपये ..... ११. पापके सवाल-हमारे जवाब- इस पुस्तक में प्रात्मा, कर्म, पुण्य, पाप, परलोक, मोक्ष, महामंत्र तथा प्रतिकमण आदि विषयों से सम्बन्धित अनेक प्रश्नों के तर्कबद्ध जवाब दिये गए हैं। पुस्तक को पढ़ने से दिमाग में रहे अनेक प्रश्नों के समाधान स्वतः हो जाते हैं। मूल्य : सात रुपये १२. समत्वयोग की साधना-लोकोत्तर जनशासन में समता का अत्यधिक महत्त्व है। समता ही मोक्ष का अनन्य कारण है। इस पुस्तक में समता विषयक अनेक लेखों का सुन्दर संकलन है। समतारसिक मुमुक्षु आत्माओं के लिए यह पुस्तक एक सुन्दर पाथेय का काम करेगी। मूल्य : बारह रुपये मृत्यु की मंगल यात्रा-152
SR No.032173
Book TitleMrutyu Ki Mangal Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnasenvijay
PublisherSwadhyay Sangh
Publication Year1988
Total Pages176
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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