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यह नवस्मरण, नवीन नवीन मङ्गलका जनक है, नवीन नवीन आनन्दराशिका दाता हैं, नवनिधियोंके उत्पादनकी अपूर्व शक्तिसे युक्त है ऐसे अपूर्व प्रभावयुक्त, शुभदायक इस " नवस्मरण स्तोत्र' की रचना करते हैं ।। २ ॥
नमो-भक्त-सुखं संपद्, ऋद्धिः सिद्धिर्जयस्तथा । विजयश्चापि शान्तिश्च, नवस्मरणमीरितम् ॥ ३॥
(3) 20 नवस्मनु विव२५५ नाये ४शव्या भु५५ छ :
(१)न१२ (नम२७२)३१. मग