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ॐ हे सुख करनेवाली ! प्रसन्न होओ, हे शान्ति करनेवाली ! प्रसन्न होओ, हे ऋद्धिसिद्धि करनेवाली ! प्रसन्न होओ, सुख दो, शान्ति दो, द्धिसिद्धि दो, किलिकिलि ! एहिएहि ( आओ आओ) आगच्छ आगच्छ ( आओ आओ) हे सभी सिद्धियोंकों देनेवालो। मेरे सभी मनोवाञ्छितोंको शीध्र पूर्ण करो।
साध्यमंत्र-- ॐ श्री धारे प्रसीद प्रसीद । उपहृदयम्-ॐ श्रीं त्रिलोकवासिन्यै केवल लक्ष्म्यै नमः धनधान्यहिरण्यसुवर्णधारां ममनिवासे पातय २। ॐ श्री रत्नसिंहासने प्रसीद २, ॐ कमलासने प्रसीद २। ॐ रत्नकुण्डले प्रसीद