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स्वप्नों का अपना एक संसार होता है । सतत सक्रिय हमारा अन्तर्मन इनके द्वारा भविष्य की ओर इंगित करता है। स्वप्नों को मिथ्या करने का साहस किसी में नहीं है, क्योंकि अधिकांश सत्य ही प्रमाणित होते हैं । स्वप्नों का कुछ संकेतात्मक अर्थ होता है। हमारे प्राचीन काल के योगियों, तपस्वियों, ऋषिमुनियों के द्वारा इनका व्यापक अनुसंधान किया गया है। इन सबका संकलन पाठकों की सुविधा के लिए अकारादि क्रम से प्रस्तुत है।
स्वप्नों के संकेतों को समझकर आप हानि, विपत्ति से अपनी रक्षा कर सकें, अधिकाधिक लाभ उठा सकें, इस प्रकाशन का यही उद्देश्य है।