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वाला मस्सा ही उपरोक्त श्रेणी में आता है । सिर पर होने वाले मस्सों कर कुछ भी फल नहीं बतलाया गया है ।
तिल
स्त्री के बायें गाल पर तिल होना उसे पति प्रिया बनाता है और वह पूर्ण रूप से खुशी जीवन व्यतीत करती है । दायें गाल का तिल मध्यम पति का प्यार और सुख देता है ।
तिल का रंग हल्का नीला होता है । गोरी त्वचा पर ऐसा ही दीखता है । श्यामवर्ण पर नीला और कृष्ण वर्ण पर गाढ़ा काला दीखता है ।
पुरुष के गालों पर उपरोक्त दोनों तिल विपरीत फल देते हैं । ठोढ़ी पर स्त्री का तिल शुभ होता है, पर पुरुष के लिए उसे अस्थायी, चंचल, मनोवृत्ति का बना देता है ।
होठों पर का तिल व्यक्ति को मधुरवाणी पर भीतर से बहुत चालाक (मुंह में राम बगल में छूरी) बना देता है ।
नासिका के तिल का कोई फल नहीं बतलाया गया है । आंखों की कोरों, पलकों, भवों का तिल व्यक्ति की आँखों को गिद्ध की आंखों के समान तेज बनाती हैं ।
कान के तिल कोई फल नहीं देते हैं ।
ग्रीवा (गर्दन) के सम्मुख का तिल व्यक्ति को शक्की बनाता है और पृष्ठ भाग का उसे हढ़ी और संयमी बनाता है मस्तक का तिल व्यक्ति को समाज में सम्मानित स्थान प्रदान कराता है ।
ग्रीवा
जिस महिला की गर्दन गोल लंबी सुर हीनुमा हो वह किसी भी वर्ण (रंग) की क्यों न हो, अत्यन्त मिलनसार स्वभाव की तथा चरित्रवान होती है । घर के सभी कार्यों में कुशल तथा स्वभाव
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