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स्वप्न मानव को ईश्वर का दिया वरदान है। इसके माध्यम से वह जीवन को रहस्यमयी जटिल गुत्थियों को सहज ही सुलझा सकता है। मानव और स्वप्न का मादिकाल से गूढ़ सम्बन्ध रहा है। बिना स्वप्न के मानव जीवित रहे, यह असम्भव है।
__ स्वप्न हमारे भूत, वर्तमान और भविष्य की तस्वीर है। यह मस्तिष्क की एक ऐसी सिनेमास्कोपिक पिक्चर है, जो पूरे जीवन को साकार कर देती है।
पर इन स्वप्नों को समझना और सही फलितार्थ करना अत्यन्त दुरूह कार्य है। हिन्दी में यह इस प्रकार का पहला एवं सर्वाङ्गपूर्ण प्रयास है, जिसमें स्वप्नों को समझने एवं फलितार्थ करने का प्रामाणिक विवेचन किया गया है।
सुप्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. नारायणदत्त श्रीमाली की एक प्रामाणिक पुस्तक जो हर हाथ में होनी चाहिए