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PRAJÑADAŅDA
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ཐམས་ཅད་ thams.cad.
सर्व
ཆོ ས་ ནི་ chos.ni. धर्मः हि
མཉན་པར་བྱ། mñan.par.bya /
श्रोतव्यः।
གྲོས་ནས་ thos.nas.
श्रुत्वा
rab.tu.
सं.
བཟང་བྱ་སྟེ། bzun.bya. ste | धारयितव्यः।
གང་ཞིག་ gan.zig.
यत
་ བདག་ ཉིད་
bdag. nid. आत्मनः एव
མི་འདོད་པ། mi.hdod.pa | अनिष्टम् ।
དེ་དག་གཞན་ལ་མི་ ་ de.dag. gzan.la mi. तत परस्य न
བྱའོ །། bya.hot कर्तव्यम् ॥ 2120
श्रूयतां धर्मसर्वस्वं श्रुत्वा व हृदि धार्यताम् । आत्मनः प्रतिकूलानि न परेषां समाचरेत।