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BODHISATTVĀVADĀNAKALPALATĀ
एष' कल्प' शतम्' अच्युतः 5 फणी'
सर्व भोग सुख भागू' भविष्यति 10 1
बोधिम् 14 अपि 15 अपर" जन्मनिं" स्फुटां"
किञ्च" सुप्रणिहितः 10 करिष्यति ॥ 8 ॥
11
16
18
151
ཞེས་པ་ དགེ་བའི་ དབང་པོས་༸ བྱས་པའི་ བྱང་ཆབ་སེམས་ དཔའི་* རྟོགས་པ་བརྗོད་པ་❖ དཔག་བསམ་’ འཁྲི་ཤིང་ལས་ྋ ཀླུ་གཞོན་ ནུའི་༸ རྟོགས་པ་བརྗོད་པའི་༢༠ ཡལ་འདབ་“སྟེ་ དྲག་ཅུ་པའོ༎
इति
बोधिसत्व 'अवदान 'कल्प' लतायां
क्षेम ' इन्द्र' विरचितायां ' नागकुमार अवदानं 10 नाम षष्टितमः 12 पल्लवः" |