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हिन्दूलों के स्कूलों का वर्णन
[प्रथम प्रकरण
दफा ९ हिन्दुलॉ की उत्पत्तिके नक़शेका परिचय
(१) गौतम--बहुत प्राचीन हैं । ईसाकी पैदाइशसे ३०० वर्ष पहले हुए थे। गौतम सामवेदानुयायी हैं डाक्टर बुलरने गौतम, बौधायन, आपस्तंब
और वसिष्ठकी स्मृतियों का अंग्रेजी भाषान्तर किया है। देखो-मि० बुलरकी 'सेक्रेडबुक आफ दि ईस्ट' वाल्यूम 2-7, 14 विष्णुस्मृतिका अंगरेजी भाषान्तर मि० जालीसाहेबने किया है।
(२) बौधायन--गौतमके पीछे और ईसवी सनके २०० वर्ष पहिले पैदा हुए, यह दक्षिण हिन्दुस्थानके रहनेवाले थे और शुक्लयजुर्वेदके अनुयायी थे।
(३) आपस्तंब--ईसवी सनके १०० वर्ष पहिले के हैं । यह कृष्णयजुर्वेदानुयायी थे तथा आंध्रप्रदेशके रहनेवाले थे । हिन्दू कनूनमें जो कुछ उस समय गर्हणीय (निन्दनीय) विचार थे उन सब विचारोंको बड़े कड़ेपनसे इन्होंने त्याग दिया था इसीसे इनकी ख्याति है जैसे कि नियोग, पैशाचिक विवाह, अनेक किस्मके पुत्र, इत्यादि।
(४) वसिष्ठ--इनका समय निश्चित नहीं है, यह भी कृष्णयजुर्वेदानुयायी थे तथा उत्तर हिन्दुस्थानके रहनेवाले थे।
(५) हारीत--मि० जालीके मतानुसार यही स्मृलिके प्रथम लेखक हैं.
(५) मनु--रामकृष्णके मतके अनुसार ईसवी सन्के २०० वर्ष पहिलेका समय मनुका है। सरविलियम जोन्स और डाक्टर बुलरने इनकी स्मृतिका अंगरेजी भाषान्तर किया है (देखो सेक्रेड बुक्स आफ दी ईस्ट Vol. 25 ) सर जोन्सके अनुसार मनु ईसवीसन के १२८० वर्ष पहिले हुए थे स्क्जे लसाहेबका मत है कि मनु ईसवीसनके १००० वर्ष पहिले हुए थे । मि० एल्फिस्टनका कहना है, कि ईसवी सनके ६०० वर्ष पहिले मनु हुए थे । मिक मोनियर विलियम कहते हैं कि वह ईसवी सनके ५०० वर्ष पहिले हुए थे। महर्षि मनुका समय उपनिषदके समयके पश्चातका होना मालम होता है। प्रोफेसर मेक्समूलरने कहा है कि वेदके पश्चात्का समय मनुका है जो ईसवी सन्के २०० वर्षसे पूर्वका हो सकता है।
___ मनुका काल निश्चित करते समय यह आवश्यक है कि, पहिले यह निश्चित करें कि वर्तमान धर्मशास्त्रके बनानेवाले मनु, आदिके मनु थे या अन्तके। क्योंकि मन निस्संदेह अनेक हो चुके हैं नारदकी भमिकामें कहा गया है कि मनुके आदि धर्मशास्त्रमे १००० अध्याय और १००००० श्लोक थे। नारदने उसको संक्षेपमें १२००० श्लोकोंमें लिखा और उनके बाद सुमतिने और भी संक्षेप करके ४००० श्लोकोंमें लिखा। इस समय जो धर्मशास्त्र मनुके नामसे प्रचलित है वह संभवतः तीसरी बार संक्षिप्त किया गया है.